शक्तिकांत दास ने गुरुवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने लंबे समय तक उथल-पुथल का सामना किया है. इसमें रूस-यूक्रेन युद्ध, मिडिल-ईस्ट में चल रही जंग और कोरोना महामारी शामिल है.
IMF ने भारत को माना ‘स्टार परफॉर्मर’, ग्लोबल ग्रोथ में 16% से ज्यादा के योगदान का जताया अनुमान
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, “भारत हाल की अस्थिरताओं और अनिश्चितताओं जैसे स्वास्थ्य संकट और भू-राजनीतिक तनाव से उबर गया है. हम बेहतर बनकर उभरे हैं. हमारी व्यापक आर्थिक स्थिरता ज्यादातर अन्य देशों की तुलना में बेहतर है. साथ ही भारत का फाइनेंशियल सेक्टर भी अच्छा परफॉर्म कर रहा है.”
“अभी भी 2002 के कर्ज लेवल से नीचे…”: भारत ने IMF की रिपोर्ट से असहमति जताते हुए दिए सही आंकड़े
दास ने आगे कहा, “… 7 प्रतिशत की GDP वृद्धि का आंकड़े के बारे में जब हमने कहा था, तो यह आशावादी लग रहा था… लेकिन अब देखिए, राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय यानी NSO ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 7.3 प्रतिशत का एडवांस आंकड़ा दिया है.”
NSO ने कहा, “GDP में इस ग्रोथ को मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर से बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. GDP का 17 प्रतिशत और 2023-2024 में साल-दर-साल 6.5 प्रतिशत का विस्तार होने की उम्मीद है. 12 महीने पहले यह सिर्फ 1.3 प्रतिशत था. बता दें कि भारतीय अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2022-23 में 7.2 प्रतिशत और एक साल पहले 8.7 प्रतिशत बढ़ी.
RBI ने पिछले महीने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए जीडीपी के विकास का अनुमान 6.5 फीसदी से बढ़ा कर 7 फीसदी कर दिया था. इन आंकड़ों के इस्तेमाल से ही केंद्र सरकार अपने बजट को तैयार करने में मदद लेती है. भारतीय अर्थव्यवस्था को 2023-24 में 6.5 फीसदी से ऊपर की विकास दर आराम से हासिल करने की उम्मीद है.
वित्त वर्ष 2024-2025 पर फोकस करते हुए शक्तिकांत दास ने बताया कि उन्हें उम्मीद है कि भारत की वृद्धि को समग्र तौर पर “बहुत सकारात्मक” आर्थिक स्थिति और गति मिलेगी.
दास ने कहा, “भारत ने लॉन्ग टर्म ग्रोथ में एंट्री की है. एग्रिगेट डिमांड की स्थित पॉजिटिव बनी हुई है… सरकार की हाई कैपिटल एक्पेंडिचर वाली निवेश गतिविधियां बढ़ रही हैं. प्राइवेट सेक्टर का (capex)भी बढ़ रहा है. हमें उम्मीद है कि कृषि सेक्टर भी बेहतर प्रदर्शन करेगी.”
शक्तिकांत दास ने महंगाई के स्तर पर कहा कि मॉनिटरी पॉलिसी के एक्शन और सरकार के सप्लाई साइड के कदमों से मुद्रास्फीति के आंकड़े नीचे आ रहे हैं. अभी महंगाई का आंकड़ा RBI के रेंज में है. उन्होंने कहा, “RBI मुद्रास्फीति को 4 फीसदी के लक्ष्य तक नीचे लाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.”
RBI चीफ ने यह भी कहा कि फिन-टेक जैसे क्षेत्रों में स्टार्ट-अप की शानदार ग्रोथ ग्लोबल इकोनॉमी को बूस्ट कर रही है. जैसा कि हालिया निवेशों से पता चलता है कि ऐसी स्टार्ट-अप कंपनियां भारत पर फोकस कर रही हैं.
शक्तिकांत दास ने इसके साथ ही RBI की डिजिटल करेंसी और UPI या यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस सिस्टम जैसी फिन-टेक पहल के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब भी दिया.
देश का चालू खाता घाटा दूसरी तिमाही में घटकर जीडीपी का एक प्रतिशत रहा: RBI
इंडिया रेटिंग्स ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के GDP ग्रोथ अनुमान को बढ़ाकर 6.7% किया