भारत-अमेरिका के बीच रिश्ते पहले से बेहतर हो रहे है, आ रहे है क्रांतिकारी बदलाव: मौजूदा राजदूत Taranjit Singh Sandhu

वाशिंगटन। अमेरिका में भारत के निवर्तमान राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने कहा कि भारत एवं अमेरिका के संबंधों में क्रांतिकारी बदलाव हो रहे हैं जो कि द्विपक्षीय संबंधों की अभी सिर्फ शुरुआत है तथा इस दीर्घकालिक रिश्ते का दायरा अभी और बढ़ेगा। संधू ने यहां गणतंत्र दिवस समारोह में भारतीय अमेरिकियों की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि यहां रह रहे भारतीयों की दूसरी पीढ़ी भारत से जुड़ी रहे। उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपको केवल यह बताना चाहता हूं कि आज भारत में अमेरिका-भारत संबंधों में भी क्रांतिकारी बदलाव हो रहे हैं और इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि आपके बच्चे और आपके परिवार भारत के बारे में जागरूक हों, भारत से जुड़े रहें।’’ संधू 35 से अधिक वर्षों की सेवा के बाद इस महीने के अंत में विदेश सेवा से सेवानिवृत्त हो रहे हैं। 

संधू ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय पूंजी और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के भारत में आने से सभी युवा भारतीय अमेरिकियों को नौकरी के अधिकतर अवसर प्राप्त करने का विशिष्ट अवसर मिलेगा। संधू ने कहा, ‘‘इसलिए न केवल भावनात्मक, सांस्कृतिक और कई अन्य कारणों से, बल्कि आर्थिक और व्यावसायिक कारणों से भी भारत से जुड़े रहें।’’ ‘नेशनल काउंसिल ऑफ एशियन इंडियन एसोसिएशन’ ने वर्जीनिया के मैकलीन में इस कार्यक्रम का आयोजन किया था। निवर्तमान राजदूत को भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत करने में उनकी भूमिका के लिए समुदाय के नेताओं द्वारा सम्मानित भी किया गया। 

संधू ने ‘इंडियन अमेरिकन बिजनेस इम्पैक्ट ग्रुप’ द्वारा आयोजित एक अन्य विदाई समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि यह तो भारत-अमेरिका संबंध की अभी शुरुआत भर है। उन्होंने कहा, ‘‘सच्चाई यह है कि हमने अभी सिर्फ शुरुआत की है। इन सभी क्षेत्रों में यह रिश्ता दूर तक जाने वाला है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम पहले से ही एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) के विभिन्न आयामों के बारे में सुन रहे हैं। भारत एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष या विश्व बैंक के किसी भी अनुमान को देखें तो दुनिया की अर्थव्यवस्था को उबारने में भारत बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।’’ संधू ने दोहराया कि करियर की संभावनाओं, नौकरियों और अपने बच्चों के विकास के लिए भारतीय अमेरिकियों को भारत से जुड़े रहना चाहिए।

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