भारतीय वायुसेना ने दिखाई ताकत, ब्रह्मोस के सतह से सतह पर मार करने वाले संस्करण का किया सफल परीक्षण

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ANI

भारतीय वायुसेना ने कहा कि मिसाइल फायर सफल रहा और मिशन ने अपने सभी उद्देश्य हासिल कर लिए। रक्षा अधिकारी ने यह भी बताया कि भारतीय वायु सेना सहित भारतीय रक्षा बलों ने पिछले दो दिनों में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों के चार परीक्षण किए।

भारतीय वायु सेना (IAF) ने हाल ही में पूर्वी समुद्री तट द्वीपसमूह के पास ब्रह्मोस मिसाइल के सतह से सतह पर मार करने वाले संस्करण का सफल परीक्षण किया। मिसाइल फायर सफल रहा और मिशन ने अपने सभी उद्देश्य हासिल कर लिए। परीक्षण-फायरिंग पूर्वी द्वीपसमूह के पास आयोजित की गई थी। भारतीय वायुसेना ने कहा कि मिसाइल फायर सफल रहा और मिशन ने अपने सभी उद्देश्य हासिल कर लिए। रक्षा अधिकारी ने यह भी बताया कि भारतीय वायु सेना सहित भारतीय रक्षा बलों ने पिछले दो दिनों में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों के चार परीक्षण किए। विस्तारित दूरी की मिसाइलों ने सटीकता के साथ अपने लक्ष्य पर सफलतापूर्वक हमला किया। 

परीक्षण-फायरिंग की तस्वीरें और वीडियो IAF द्वारा अपने आधिकारिक ‘X’ हैंडल पर साझा किए गए थे। इस बीच, ब्रह्मोस एयरोस्पेस ने भारतीय सशस्त्र बलों की मारक क्षमता को मजबूत करने और आत्मनिर्भर भारत का ध्वजवाहक बने रहने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। ब्रह्मोस एक मध्यम दूरी की रैमजेट सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है जिसे पनडुब्बियों, जहाजों और लड़ाकू विमानों से लॉन्च किया जा सकता है। गौरतलब है कि यह दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। यह भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) और रूसी संघ के एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया के बीच एक संयुक्त उद्यम है, जिन्होंने मिलकर ब्रह्मोस एयरोस्पेस का गठन किया है। ब्रह्मोस नाम दो नदियों, भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मोस्कवा, के नाम से मिलकर बना है।

इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल के विनिर्माण स्थल पर तेजी से काम हो रहा है और उम्मीद है कि अगले वर्ष फरवरी-मार्च के बाद यहां से मिसाइल का उत्पादन शुरू हो जाएगा। रक्षा मंत्री ने अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र लखनऊ दौरे पर कहा कि ब्रह्मोस मिसाइल विनिर्माण स्थल पर कार्य तेजी से चल रहा है और फरवरी-मार्च के बाद लखनऊ की धरती से मिसाइल उत्पादन का कार्य भी आरंभ हो जाएगा। उन्होंने कहा कि डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन) प्रयोगशाला का कार्य भी जल्द पूरा होगा जिसका लाभ लखनऊ वासियों को मिलेगा। सिंह ने कहा कि लखनऊ में 11 अन्य परियोजनाएं शुरू की गई हैं। 

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