भारतीय कबड्डी खिलाड़ियों रेफरी के फैसले के खिलाफ मैट पर बैठ कर विरोध जताया

भारत और ईरान के बीच शनिवार को एशियाई खेलों के पुरुष कबड्डी फाइनल मुकाबले के दौरान उस वक्त विवाद पैदा हो गया, जब रेफरी के फैसले के विरोध में खिलाड़ी मैट पर बैठ गए।
कबड्डी मैट पर इस तरह का नजारा शायद ही पहले कभी देखा गया था। इस विवाद के कारण चिर-परिचित टीमों के बीच का मुकाबला लगभग एक घंटे तक रुका रहा।
ईरान ने 2018 जकार्ता एशियाई खेलों के सेमीफाइनल में भारत को हराया था। पवन सहरावत की अगुवाई वाली भारतीय टीम ने हालांकि शनिवार को फाइनल मैच जीतकर उस हार का बदला चुकता कर लिया।
फाइनल मुकाबले में जब एक मिनट और पांच सेकंड का खेल बचा था तब दोनों टीमों का स्कोर 28-28 से बराबर था। लेकिन आखिरी मिनट में विवाद तब खड़ा हो गया जब भारतीय कप्तान पवन सहरावत करो या मरो वाली रेड के लिए उतरे।

सहरावत किसी खिलाड़ी को छुए बिना लॉबी में (सीमा से बाहर) चले गए। इस दौरान ईरान के अमीरहोसैन बस्तामी और तीन अन्य रक्षक उन्हें बाहर धकेलने की कोशिश की जिसके बाद अंक को लेकर विवाद हो गया।
यह स्पष्ट नहीं था कि सहरावत से सफलतापूर्वक निपटा गया था या नहीं और यह भी भ्रम था कि कौन सा नियम लागू किया जाए – पुराना या नया।
नये नियम के अनुसार, सहरावत बाहर थे लेकिन पुराने नियम के अनुसार सहरावत और उनके पीछे आने वाले ईरान के सभी खिलाड़ियों को भी खेल से बाहर माना गया। इस नियम से भारत को चार अंक और ईरान को एक अंक मिला।
भारत और ईरान के पक्ष में फैसला सुनाने के बीच अधिकारियों की खींचतान के बीच अभूतपूर्व परिदृश्य में जब फैसला उनके खिलाफ गया तो दोनों टीम के खिलाड़ी विरोध में कोर्ट पर बैठ गए।

दोनों पक्षों द्वारा काफी विचार-विमर्श, चर्चा और बहस के बाद मैच को निलंबित कर दिया गया। अधिकारियों ने बाद में भारत के पक्ष में फैसला सुनाया और स्कोरलाइन 32-29 हो गई।
भारतीय महिला टीम की कोच कविता सेलवाराज ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘जब पवन (सहरावत) ने रेड किया, तो वह लॉबी क्षेत्र में कदम रखने के बाद खुद ही बाहर निकल गया। उसका पीछा करते हुए ईरान के चार खिलाड़ी भी लॉबी एरिया में घुस गए।’’
लॉबी नियम के अनुसार अगर कोई रेडर सीमा से बाहर चला जाता है और डिफेंडर भी लॉबी क्षेत्र में उसका पीछा करता है, तो उसे (डिफेंडर को) भी बाहर कर दिया जाता है।
कविता ने कहा,‘‘ अंतरराष्ट्रीय कबड्डी महासंघ (आईकेएफ) के नियमों के तहत, भारतीय टीम को चार अंक और ईरान को एक अंक मिलना था, लेकिन रेफरी ने केवल एक-एक अंक दिया।’’
इसके बाद भारत ने वीडियो समीक्षा की मांग की और कई मिनटों के बाद उन्हें जीत मिली।

लेकिन ईरान के खिलाड़ियों ने इसका विरोध किया और रेफरी ने फिर से फैसला पलट दिया।
इसके बाद भारतीय खिलाड़ी करीब एक घंटे तक खेल रोककर मैट पर बैठे रहे।
उन्होंने कहा, ‘‘आखिरकार, मैच में एक मिनट शेष रहते हमें चार अंक मिले और ईरान को एक। उस समय स्कोर 28-28 था।’’
भारत ने बाकी बचे समय में एक और अंक बनाने के साथ 33-29 से मैच अपने नाम किया।
इस लॉबी नियम को पिछले साल प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) में हटा दिया गया था और लॉबी में रेडर का पीछा करने वाले डिफेंडर को अब बाहर नहीं किया जाता है। लेकिन आईकेएफ नियम पुस्तिका लॉबी नियम अभी भी में बना हुआ है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।



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