पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर आरोप लगाया कि वह लोगों को धमकी दे रही है कि अगर उन्होंने आगामी लोकसभा चुनाव में उसे वोट नहीं दिया तो उनके घर केंद्रीय जांच एजेंसियों को भेज दिया जाएगा।
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कूच बिहार में स्थानीय लोगों, विशेषकर राजबोंग्शियों को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी कि उनके नाम मतदाता सूची में हों ताकि वे संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए) से ‘‘खुद को बचा’’ सकें।
बनर्जी ने यहां एक सार्वजनिक वितरण कार्यक्रम में कहा, ‘‘भाजपा, चुनाव के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है… वह लोगों को फोन करके धमकी दे रही है कि अगर उन्होंने उसे वोट नहीं दिया तो प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारियों को उनके घर भेज दिया जाएगा।’’
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने साथ ही कहा कि वह किसी विशेष भगवान की पूजा करने के भाजपा के किसी भी फरमान का पालन नहीं करेंगी।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं रामायण, कुरान, बाइबिल और गुरु ग्रंथ साहिब का अनुसरण करती हूं…मैं गरीबों के घर जाकर, बाहर से आया खाना खाने का नाटक नहीं करती।’’
भाजपा शासित मणिपुर में जातीय हिंसा का हवाला देते हुए उन्होंने दावा किया कि पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा के दौरान 200 से अधिक गिरिजाघरों को जला दिया गया ओर कई महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया गया। उन्होंने दावा किया कि क्रिसमस की छुट्टियां भी रद्द कर दी गईं।
बनर्जी ने आरोप लगाया कि केंद्र राजनीति करने के लिए लोकसभा चुनाव से पहले सीएए का मुद्दा उठा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने (भाजपा ने) फिर से सीएए के बारे में बोलना शुरू कर दिया है। यह राजनीति के अलावा कुछ नहीं है। हमने सभी को नागरिकता दी है (और) उन्हें (सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों को) सब कुछ मिल रहा है।
वे नागरिक हैं, इसलिए उन्हें वोट देने का अधिकार है।’’
इससे पहले दिन में, केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने दावा किया कि सीएए एक सप्ताह के भीतर देश में लागू कर दिया जाएगा।
केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग राज्य मंत्री ठाकुर ने दक्षिण 24 परगना जिले के काकद्वीप में एक जनसभा में कहा, ‘‘अगले एक सप्ताह में न केवल पश्चिम बंगाल में, बल्कि पूरे देश में सीएए लागू कर दिया जाएगा।’’
कूचबिहार में कार्यक्रम में, बनर्जी ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) पर ‘‘लोगों को प्रताड़ित करने और सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों को अलग पहचान पत्र जारी करने’’ का भी आरोप लगाया।
उन्होंने स्थानीय लोगों को आगाह किया कि वे बीएसएफ से ऐसे पहचान पत्र स्वीकार न करें, अन्यथा वे ‘‘एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक पंजी) के जाल में फंस जाएंगे’’।
टीएमसी सुप्रीमो ने कहा, ‘‘बीएसएफ लोगों पर अत्याचार कर रही है… वह सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों को अलग पहचान पत्र जारी करने की कोशिश कर रही है। ये कार्ड कभी न लें।
उन्होंने कहा, ‘‘यदि वे आपसे पूछें, तो उन्हें बताएं कि आपके पास ‘आधार’ और राशन कार्ड हैं और किसी अन्य कार्ड की आवश्यकता नहीं है। यदि आप उनके कार्ड लेते हैं, तो आप एनआरसी के जाल में फंस जाएंगे और (वे) आपको (नागरिक सूची) से बाहर कर देंगे। लेकिन डरिये नहीं… मैं आपकी रक्षा के लिए बाघिन की तरह हमेशा मौजूद हूं।’’
बाद में, सिलीगुड़ी में चाय बागान पट्टा के वितरण और चा सुंदरी योजना के लाभों के विस्तार के एक अन्य कार्यक्रम में बनर्जी ने लोगों को बीएसएफ द्वारा जारी किसी भी कार्ड को स्वीकार करने के प्रति आगाह किया।
साथ ही, उन्होंने कहा कि यह केवल राज्य सरकार है जिसके पास कोई भी नया पहचान पत्र जारी करने का अधिकार है।
उन्होंने 2021 के राज्य विधानसभा चुनाव के दौरान सीतलकुची गोलीबारी के आरोपी छह सीआईएसएफ (केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल) कर्मियों को जमानत दिए जाने पर आश्चर्य व्यक्त किया।
उन्होंने कहा, ‘‘उम्मीद है कि आप भूले नहीं होंगे कि सीतलकुची में चार लोगों की हत्या कर दी गई थी। अगर हत्यारे को जमानत मिल जाएगी, तो आम लोग न्यायपालिका पर कैसे भरोसा करेंगे?’’ उन्होंने लोगों से कहा कि अगर बीएसएफ उन्हें प्रताड़ित करती है तो वे पुलिस में शिकायत दर्ज कराएं।’’
मई 2023 में, छह आरोपी सीआईएसएफ कर्मियों को माथाभांगा उप-संभागीय न्यायालय द्वारा अंतरिम जमानत दी गई थी।
मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव, जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को बीएसएफ से जुड़े मामलों पर नजर रखने का भी निर्देश दिया।
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