भोपाल. मध्य प्रदेश में भाजपा के लंबे कार्यकाल के बाद साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बड़ा उलटफेर किया. पार्टी चुनाव में सबसे अधिक सीटें जीतकर सत्ता तक पहुंची. उस समय कांग्रेस ने राज्य की कमान संभालने के लिए अपने अनुभवी नेता कमलनाथ पर भरोसा जताया. कमलनाथ की यह सरकार महज 15 महीने ही चली. साल 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक विधायकों ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया और प्रदेश में एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी सत्ता में काबिज हो गई. राज्य की राजनीति में पहली बार उतरे लोकसभा में नौ बार सांसद रह चुके इस दिग्गज कांग्रेसी के लिए यह कड़वा अनुभव था. तब से लेकर अगले तीन साल में अपनी राजनीतिक सूझ-बूझ के लिए पहचाने जाने वाले इस नेता ने साल 2023 के चुनाव आते-आते प्रदेश में कांग्रेस को सत्ता का सबसे बड़ा दावेदार बना दिया.
कमलनाथ आज मप्र चुनाव में कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद का चेहरा हैं. मप्र विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान वे दमदार तरीके से राज्य की भाजपा सरकार की असफलताएं गिनाते हैं. व्यापम घोटाला, डंपर घोटाला, नर्सिंग कॉलेज घोटाला, महाकाल मंदिर में भ्रष्टाचार जैसे तमाम मुद्दों पर बात करते हैं. कमलनाथ ने अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल, भाजपा सरकार की योजनाओं, कांग्रेस के सॉफ्ट हिंदुत्व जैसे मुद्दों पर बात की. मप्र चुनाव का मुख्य मुद्दा क्या है के सवाल पर कमलनाथ कहते हैं- हम महंगाई, बेरोजगारी और किसानों की समस्याओं जैसे मुद्दों के लिए लड़ रहे हैं. मध्य प्रदेश दलित, आदिवासी और महिलाओं के खिलाफ अपराध में नंबर-1 हो गया है. यह हमारी जिम्मेदारी है कि ऐसे हालात बदलें. कांग्रेस इस दायित्व को निभाने के लिए चुनाव लड़ रही है.
कमलनाथ का दावा- चुनाव में हार देखे ‘मन में मोदी…’ जैसे नारे लाई भाजपा
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश की जनता ने शिवराज सरकार को हटाने का मन बना लिया है. भाजपा ने पीएम मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ने की रणनीति अख्तियार की है. इसके बरक्स क्या कांग्रेस अपनी रणनीति में बदलाव करेगी, इस सवाल पर कमलनाथ ने कहा कि मध्य प्रदेश के वोटर बड़े संवेदनशील हैं. इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में उन्होंने कहा कि अगर भाजपा शिवराज को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाने में शर्मिंदा महसूस कर रही है, तो इसकी कोई न कोई वजह जरूर है. उन्होंने दावा किया कि मप्र में भाजपा चुनाव हार रही है, इसलिए ऐसा दिखाने का प्रयास किया जा रहा है कि वह रणनीति बदल रही है. भाजपा ने कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में यही तरीका अपनाया था, मगर क्या हुआ. जनता ने उस पार्टी को वोट दिया जो हकीकत में उनके कल्याण के लिए काम करने वाली है. मध्य प्रदेश में शिवराज की नाकामियों को छिपाने के लिए ‘एमपी के मन में मोदी’ जैसे नारे गढ़े जा रहे हैं. भाजपा के सांसदों को विधानसभा चुनाव के मैदान में उतारा जा रहा है. लेकिन आप जमीन पर जाकर देखिए, इन केंद्रीय मंत्रियों की हालत क्या है. कमलनाथ ने कहा कि मैं आपको बता दूं कि एमपी के मन में इस समय सिर्फ कांग्रेस है.
59 वादे, 101 गारंटी…, कैसे पूरा करेगी कांग्रेस
कांग्रेस ने मप्र चुनाव के लिए जारी वचन पत्र में 59 वादे किए और जनता को 101 गारंटी दी है. प्रदेश की वित्तीय हालत को देखते हुए क्या ये वादे पूरे हो पाएंगे, इस सवाल पर कमलनाथ ने कहा कि मैं कभी ऐसा वादा नहीं करता, जिसे पूरा न कर सकूं. हमारी पार्टी ने जो भी वायदे किए हैं, इसके लिए पैसे कहां से आएंगे, वित्तीय इंतजाम कैसे करना है, यह हमने पहले से सोच रखा है. उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस ने 2018 में सरकार बनाई तो किसान कर्जमाफी का वादा किया था. तब भी लोगों ने पूछा था कि पैसे कहां से आएंगे. लेकिन हमने 27 लाख से ज्यादा किसानों के कर्ज माफ किए. दरअसल, आपको तय करना होता है कि आपकी प्राथमिकताएं क्या हैं. यह हमारा कर्तव्य है कि हम जनता के कल्याण के लिए काम करें. उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह चौहान ‘टेलीविजन’ पर भरोसा करते हैं, जबकि मैं ‘विजन’ पर विश्वास करता हूं.
राम मंदिर का ताला किसने खुलवाया…, इतिहास याद रखें
कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में जातीय जनगणना कराने की बात कही है. इस संदर्भ में पूछे गए सवाल पर कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस की यूपीए सरकार ने सामाजिक-आर्थिक जाति गणना कराई थी. लेकिन रिपोर्ट आने से पहले भाजपा सत्ता में आ गई और इसने रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं होने दिया. भाजपा को इसमें क्या समस्या है पता नहीं. भाजपा के कट्टर हिंदुत्व और कांग्रेस के सॉफ्ट हिंदुत्व के सवाल पर भी कमलनाथ ने राय रखी. उन्होंने कहा कि हमारे लिए धर्म, विश्वास और आचार का विषय है, न कि प्रचार का. 15 साल पहले मैंने छिंदवाड़ा में 101 फीट ऊंची भगवान हनुमान की प्रतिमा स्थापित कराई थी. मुझे भाजपा से अपने हिंदू होने का सर्टिफिकेट नहीं चाहिए. अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण और अगले साल होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह के संदर्भ में पूछे गए सवाल पर कमलनाथ ने कहा कि हम सभी को इतिहास नहीं भूलना चाहिए कि मंदिर का ताला किसने खुलवाया था…, राजीव गांधी ने! भगवान राम किसी एक व्यक्ति या पार्टी के नहीं हैं, बल्कि देश के हर नागरिक के हैं. भाजपा भगवान के नाम का अपने लिए इस्तेमाल करना चाहती है, लेकिन यह याद रखा जाना चाहिए कि यह मंदिर सरकार के पैसे से बन रहा है.
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Tags: Kamalnath, Madhya Pradesh Assembly Elections 2023, MP politics
FIRST PUBLISHED : November 3, 2023, 18:40 IST