शुभम मरमट/उज्जैन. दिवाली के 2 दिन बाद भाई दूज का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन भाई को बहन तिलक लगाती है. हर साल कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज का पर्व मनाया जाता है. इस बार द्वितीया तिथि 14 नवंबर दोपहर 02.37 बजे से शुरू हो जाएगी और इसका समापन 15 नवंबर को दोपहर 01.47 बजे होगा. उदया तिथि के अनुसार, भाई दूज का त्योहार 15 नवंबर दिन बुधवार को ही मनाया जाएगा.
भाई दूज का शुभ मुहूर्त
भाई दूज पर भाई के माथे पर तिलक करने के दो शुभ मुहूर्त हैं. पहला मुहूर्त 15 नवंबर को सुबह 6 बजकर 44 मिनट से सुबह 9 बजकर 24 मिनट है, जबकि दूसरा शुभ मुहूर्त सुबह 10 बजकर 40 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजे तक है.
भाई दूज पर चित्रगुप्त की पूजा
मान्यता के अनुसार, चित्रगुप्त का जन्म ब्रह्माजी के चित्त से हुआ था. इनका काम प्राणियों के कर्मों का हिसाब रखना है. मुख्य रूप से इनकी पूजा भाई दूज के दिन होती है. इनकी पूजा से लेखनी, वाणी और विद्या का वरदान मिलता है. आज के दिन चित्रगुप्त भगवान के विग्रह की स्थापना करें. उनके समक्ष घी का दीपक जलाएं. फिर फूल और मिठाई चढ़ाएं. उन्हें एक कलम भी अर्पित करें. चित्रगुप्त की कृपा आप पर बनी रहेगी.
यमराज को प्रसन्न करने के लिए रखा जाता है व्रत
भाई दूज यानी यम द्वितीया पर यमराज को प्रसन्न करने के लिए बहनें व्रत रखती हैं. भाई दूज के दिन यमराज के साथ उनके सचिव चित्रगुप्त की भी पूजा की जाती है. ज्योतिषाचार्य अमर डब्बावाले ने बताया कि आज चित्रगुप्त का पूजन करने से लाभ मिलता है. बताया आज के दिन भाइयों को बहन के हाथ से बना खाना चाहिए. जब बहनें तिलक लगा दें तो भाइयों को उपहार भी देना चाहिए.
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FIRST PUBLISHED : November 14, 2023, 16:55 IST