भाई और भाभी के लिए ब्रेकर बने हेमंत! शिबू सोरेन फैमिली का घुरपेंच और परिवार के बाहर चली गई सत्ता की बागडोर

रांची. राजनीति में परिवारवाद बहस का विषय जरूर रहा है, लेकिन इसका असर झारखंड के शिबू सोरेन के परिवार पर कभी नहीं पड़ा. शिबू सोरेन के परिवार के हाथों में अब तक पांच बार झारखंड सीएम की कमान रही है. जिनमें तीन बार शिबू सोरेन स्वयं और दो बार उनके पुत्र हेमंत सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री बने. लेकिन इस बार परिस्थिति कुछ ऐसी बनी कि एएमएम के सबसे बड़ी पार्टी होते हुए भी सत्ता परिवार के बाहर चली गई. हालांकि, शिबू सोरेन के छोटे बेटे बसंत सोरेन को डिप्टी सीएम बनाए जाने की चर्चा थी, लेकिन वह भी संभव न हो सका और सत्ता की पूरी कमान शिबू सोरेन परिवार के हाथों से बाहर ही रहेगी.

बता दें कि तीन बार मुख्यमंत्री रहे शिबू सोरेन शिबू सोरेन और उनकी पत्नी रूपी किस्कू का ये परिवार कापी वक्त से झारखंड की राजनीति में सक्रिय है. दुर्गा सोरेन, हेमंत सोरेन और बसंत सोरेन नाम के तीन बेटे और अंजली सोरेन नाम की एक बेटी है. अंजली सोरेन दूसरे नंबर की संतान हैं और इनके बाद हेमंत सोरेन और बसंत सोरेन आते हैं. दुर्गा सोरेन का निधन हो गया है. इनकी पत्नी सीता सोरेन की तीन संतानें हैं. दूसरे बेटे हेमंत सोरेन झारखंड के 9वें सीएम बने. उनकी पत्नी कल्पना सोरेन हैं और इन दोनों की दो बेटे हैं.

तीसरे बेटे बसंत सोरेन हैं इनकी पत्नी हेमलता और इनके बेटी तानी और तारा सोरेन हैं. कहा जा रहा है कि दुर्गा सोरेन की पत्नी सीता सोरेन सीएम पद की दावेदारी कर रही थीं, लेकिन वहां भी हेमंत सोरेन का रोड़ा था. कहा जाता है कि हेमंत सोरेन नहीं चाहते थे कि सीता सोरेन को कोई अहम पद मिले.

दरअसल, क्षेत्रीय छत्रपों के साथ यह एक दुविधा रही है कि वह पावर ट्रांसफर अपने परिवार से बाहर नहीं करना चाहते. बिहार में भी लालू प्रसाद यादव ने अपनी पत्नी को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनवाया था. ठीक यही कहानी झारखंड में भी दोहराई जाती और संभव था कि हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन सीएम बनतीं.

हेमंत सोरेन पहले अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को सीएम बनाना चाहते थे. लेकिन, अब झारखंड विधान सभा चुनाव होने में अधिक केवल 10 महीने का ही समय बचा है, ऐसे में हेमंत सोरेन के पास कोई विकल्प बचा नहीं था. वहीं अगर चंपई सोरेन सेफ कैंडिडेट साबित होने की उम्मीद है क्योंकि वह शिबू सोरेन के विश्वासपात्रों में एक हैं.

दरअसल, इस बार चंपई सोरेन ने भी साफ-साफ कह दिया था कि अगर यह मौका कल्पना सोरेन को नहीं मिलेगा तो यह उन्हें मिलना चाहिए. हेमंत सोरेन ने यहीं दांव चल दिया और दिवंगत दुर्गा सोरेन की पत्नी सीता सोरेन और छोटे भाई बसंत सोरेन में से किसी को सीएम नहीं बनने दिया. बता दें कि शिबू सोरेन का पूरा परिवार राजनीति में है और महत्वपूर्ण सदस्य विधायक हैं.

यहां यह भी कहानी सामने आई कि भाई या भाभी को सीएम नहीं बनाने के पीछे हेमंत सोरेन थे. इसका कारण है कि सीता सोरेन को हेमंत सोरेन पसंद नहीं करते और बसंत सोरेन को हेमंत अपनी कुर्सी देना नहीं चाहते थे. उन्हें यह भी पता था कि अगर ऐसा नहीं होता तो कोई तीसरा ही बनेगा और यह नाम चंपई सोरेन के तौर पर सामने आया.

Tags: CM Hemant Soren, Jharkhand Politics, Ranchi news, Shibu soren

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