हाइलाइट्स
तानाशाह हिटलर भी कैप्टागन ड्रग के कॉकटेल का नियमित तौर पर इस्तेमाल करता था.
कैप्टागन ड्रग का उत्पादन तथा निर्यात सीरिया और लेबनान में जमकर किया जा रहा है.
Captagon Drug: इजरायल और फिलिस्तीन के बीच 18 दिन से जंग जारी है. इस दौरान दोनों तरफ के हजारों लोग मारे गए हैं. इजरायली सैनिकों की जवाबी कार्रवाई में मारे गए हमास आतंकवादियों की जेबों में सिंथेटिक एम्फैटेमिन पिल्स के बैग पाए गए. पता चला कि ये इजरायल समेत कई देशों में ‘गरीबों का कोकीन’ के तौर पर पहचाना जाने वाला नशीला पदार्थ कैप्टागन ड्रग की गोलियां हैं. ये सिंथेटिक एम्फैटेमिन प्रकार का उत्तेजक पदार्थ है, जिसे अरब के दवा बाजार में ‘अबू अल-हिलालेन’ के तौर पर पहचाना जाता है.
कैप्टागन ड्रग युद्ध में जख्मी होने पर दर्द को सहन करने के लिए कैंडी की तरह खाया जाता है. यही नहीं ये ड्रग सैनिकों में क्रोध की भावनाओं को बढ़ा देता है. इजरायल की आईडीएफ के मुताबिक, कैप्टागन ड्रग चिड़चिड़ापन और उतावलापन बढ़ाकर हमास आतंकियों को संवेदनहीन बना देती है. यही वो ड्रग है, जिसका नशा करके हमास आतंकियों ने 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमला किया था. इसका नशा इतना खतरनाक होता है कि हमास आतंकी बच्चों व महिलाओं की पीड़ितों की हत्या करने और उन पर अत्याचार करने में भी नहीं हिचकिचाए थे.
अरब देशों में महिलाएं, स्टूडेंट्स भी लेते हैं कैप्टागन
हमास आतंकियों को दिया जाने वाला ये नशीला व उत्तेजक ड्रग आमतौर पर फेनेथिलीन के तौर पर पहचाना जाता है. इसे दक्षिणी यूरोप में गुप्त रूप से बनाया जाता है. फिर तुर्की के जरिये मध्य पूर्व में इसकी तस्करी की जाती है. द यरूशलम पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सऊदी अरब, कुवैत और कतर के अधिकारियों का कहना है कि फेनेथिलाइन का इस्तेमाल युवा तथा अमीर लोगों के बीच काफी प्रचलित है. सऊदी अरब में 1980 के दशक के आखिर से इस्तेमाल की जाने वाली कैप्टागन अरब देशों में अमीर युवाओं के बीच सबसे लोकप्रिय दवाओं में एक है. यहां स्टूडेंट्स अंतिम परीक्षा से पहले और महिलाएं वजन कम करने के लिए एनोरेक्टिक एजेंट के तौर पर इसका इस्तेमाल करती हैं.
कैप्टागन ड्रग आमतौर पर फेनेथिलीन के तौर पर पहचाना जाता है.
‘हिटलर भी रोज करता था कॉकटेल ड्रग का नशा’
हिब्रू यूनिवर्सिटी के फैकल्टी ऑफ मेडिसिन में स्कूल ऑफ फार्मेसी के प्रमुख और शोधकर्ता प्रोफेसर रामी याका ने द यरूशलम पोस्ट पोस्ट को बताया कि एम्फैटेमिन उत्तेजक के तौर पर ओपियेट्स की तुलना में ज्यादा ताकतवर है. एम्फैटेमिन लेने वालों को लगता है कि वे बिना किसी हिचकिचाहट के दुनिया के राजा हैं. जहां ओपियेट्स लोगों को ज्यादा उत्साहपूर्ण और हिंसक महसूस कराते हैं, वहीं, एम्फैटेमिन के कारण वे बुरे काम करने के लिए प्रोत्साहित होते हैं. प्रोफैसर याका ने कहा कि कुख्यात नाजी तानाशाह एडोल्फ हिटलर नियमित रूप से एम्फैटेमिन और ओपियेट्स के ‘कॉकटेल’ का सेवन करता था.
कम या ज्यादा मात्रा में लेने से क्या होता है असर?
कम मात्रा में कैप्टागन ड्रग लेने पर रक्तचाप, शरीर का तापमान और सांस लेने की रफ्तार बढ़ जाती है. नियमित इस्तेमाल करने पर नजर धुंधली हो जाती है और चक्कर आने लगते हैं. इसके अलावा इसके इस्तेमाल के बाद मुंह सूखना, सांस लेने में कठिनाई, अनियमित दिल की धड़कन, पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याएं, मांसपेशियों या जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में ऐंठन, चिंता, मूड में बदलाव, भ्रम, क्रोध या क्रोध की भावनाएं, चिड़चिड़ापन और उतावलापन जैसी शिकायतें सामान्य हो जाती हैं. लंबे समय तक एम्फैटेमिन के इस्तेमाल से थकान, अवसाद, अनिद्रा, हृदय व रक्त वाहिकाओं में विषाक्तता और कुपोषण की समस्या हो जाती है.
कई बीमारियों के इलाज में होता रहा है इस्तेमाल
अमेरिकी न्याय विभाग की रिपोर्ट मुताबिक, कैप्टागन ड्रग का अमेरिका में इलाज के लिए भी इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. कैप्टागन ड्रग पर सात साल पहले ग्रीक टॉक्सिकोलॉजिस्ट और फॉरेंसिक मेडिसिन एक्सपर्ट्स ने एक अध्ययन बेसिक एंड क्लिनिकल फार्माकोलॉजी एंड टॉक्सिकोलॉजी जर्नल में ‘फेनिथाइललाइन (कैप्टागन) एब्यूज – लोकल प्रॉब्लम्स फ्रॉम एन ओल्ड ड्रग बिकम यूनिवर्सल’ शीर्षक से प्रकाशित किया था. स्टडी रिपोर्ट के मुताबिक, इसका इस्तेमाल बच्चों में अति सक्रियता विकार और नार्कोलेप्सी के इलाज के लिए किया गया था. कैप्टागन के तौ पर इसका इस्तेमाल दुरुपयोग की दवा के रूप में भी किया गया है. इसे कानूनी रूप से बेचे जाने वाले कच्चे माल के साथ प्रयोगशालाओं में सस्ते में बनाया जा सकता है.
सीरिया में बनने वाला कैप्टागन आतंकी संगठनों के बीच आसानी से उपलब्ध है.
अरब देशों में कैप्टागन का खूब होता है इस्तेमाल
इंटरपोल और अंतरराष्ट्रीय नारकोटिक्स कंट्रोल बोर्ड ने बुल्गारिया, स्लोवेनिया सर्बिया-मोंटेनेग्रो और तुर्की जैसे कई देशों में पिछले कुछ साल में बड़ी संख्या में सीक्रेट लैब्स से कप्टागन ड्रग बरामद की है. कैप्टागन का 2013 से अरब देशों और उत्तरी अफ्रीकी देशों में जमकर इस्तेमाल हो रहा है. अरब देशों में हर साल लाखों कैप्टागन टैबलेट जब्त की जाती हैं. इसके अलावा सऊदी अरब में चार में से तीन मरीज एम्फैटेमिन के आदी हैं. कई नकली कैप्टागन पिल्स में अन्य एम्फैटेमिन डेरिवेटिव होते हैं, जिनका उत्पादन आसान होता है. जिन नकली पिल्स की जांच की गई, उनमें फेनेथिलाइन शामिल थी. साफ है कि इस दवा का लगातार अवैध उत्पादन किया जा रहा है. इन अवैध गोलियों में एम्फैटेमिन, कैफीन और कई फिलर्स को मिलाया जाता है.
लेबनान और सीरिया कर रहा उत्पादन व वितरण
कैप्टागन अवैध ड्रग होने के बाद भी आतंकवादी समूहों के बीच आसानी से उपलब्ध है. ब्रिटिश अखबार द गार्जियन ने मई 2021 में प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा था कि सीरिया में कैप्टागन उत्पादन अर्थव्यवस्था पर बुरा असर डाल रहा है. रिपोर्ट में कहा गया था कि सीरिया में आने वाला नशीली दवाओं का पैसा व्यवसायों को अस्थिर कर रहा है. इससे यह कैप्टागन उत्पादन के वैश्विक केंद्र के तौ पर स्थापित हो रहा है. कैप्टागन 2015 में तब सबसे ज्यादा बदनाम हुई, जब पता चला कि इसका इस्तेमाल आईएसआईएस के आतंकी अपने डर को दबाने के लिए कर रहे हैं. फिर आईएसआईएस का प्रभाव कम होने पर लेबनान और सीरिया ने बड़े पैमाने पर इस दवा का उत्पादन व वितरण शुरू कर दिया.
कितनी होती है कैप्टागन पिल्स की कीमत
गाजा नशे के आदी युवाओं के बीच नशीली दवाओं का बड़ा बाजार बन गया है. कैप्टागन के नशे की लत प्रकृति और मनोवैज्ञानिक विकारों को बढ़ाने के बावजूद मध्य पूर्व में लोकप्रिय हो गई. गरीब देशों में इस दवा को दो डॉलर तक में खरीदा जा सकता है. वहीं, अमीर देशों में इसकी कीमत 20 डॉलर तक होती है. कैप्टागन का इस्तेमाल आतंकियों के साथ ही युद्धग्रस्त क्षेत्रों के आम लोग भी अपने डर को दबाने के लिए करते हैं. बता दें कि सीरियाई तानाशाह बशर असद से जुड़े लोगों ने कैप्टागन के उत्पादन के लिए बड़ा उद्योग बना डाला था. इसमें हिज्बुल्लाह की भागीदारी भी है. असद के भाई इस कारोबार की देखभाल करते हैं.
अवैध कैप्टागन पिल्स में एम्फैटेमिन, कैफीन और कई फिलर्स को मिलाया जाता है.
अरबों डॉलर की कैप्टागन का होता है निर्यात
अनुमानों के मुताबिक, 2020 में सीरिया ने 3.5 अरब डॉलर मूल्य की कैप्टागन पिल्स का निर्यात किया था. ये आंकड़ा सीरिया के बाकी कानूनी निर्यात उद्योगों के कुल मूल्य से पांच गुना ज्यादा है. एक अनुमान के मुताबिक, सीरिया के कानूनी उद्योगों का निर्यात कारोबार महज 70 करोड़ डॉलर से कुछ ज्यादा है. वहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि ये अनुमान भी सही नहीं है. कैप्टागन निर्यात का वास्तविक मूल्य बहुत ज्यादा होने के आसार हैं. अनुमान के मुताबिक, अकेले सऊदी अरब में कैप्टागन की सालाना खपत 60 करोड़ गोलियों से ज्यादा है. इससे हर साल 12 अरब डॉलर तक की कमाई होती है. ये दवा इटली, ग्रीस, मलेशिया और मिस्र से सऊदी अरब तक बिकती है. जॉर्डन में यह कम कीमत पर आसानी से उपलब्ध है.
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Tags: Drugs trade, Hamas, Hamas attack on Israel, Israel attack on palestine, Israel-Palestine Conflict, Terror Attack
FIRST PUBLISHED : October 25, 2023, 09:56 IST