भस्मासुर से बचने नर्मदापुरम की इस जगह पर ली थी महादेव ने शरण,जानें पूरी कहानी

दुर्गेश सिंह राजपूत/नर्मदापुरम. एमपी के नर्मदापुरम जिले में एक ऐसा मंदिर है, जहां भगवान महादेव ने भस्मासुर नामक असुर से बचने के लिए शरण ली थी. इस मंदिर में महाशिवरात्रि पर साल में एक बार सबसे बड़ा मेला भी लगता है. यहां मध्यप्रदेश के अलावा महाराष्ट्र और गुजरात से बड़ी संख्या में भक्त आते हैं. सभी भक्त बेहद कठिन सीढियां चढ़कर महादेव के दर्शन करते हैं.

नर्मदापुरम के पचमढ़ी में स्थित चौरागढ़ मंदिर का इतिहास कई युगों पुराना है, जिससे कुछ किवदंतिया भी जुड़ी हुई हैं. पहली किवदंती प्रचलित कथा के अनुसार भगवान महादेव जी ने भस्मासुर से बचने के लिए इन पहाड़ियों में शरण ली थी. दूसरी किवदंती के अनुसार, माना गया है कि इस पहाड़ी पर चोरा बाबा ने कई वर्षों तक तपस्या की थी, जिसके बाद भगवान शिव ने उन्हें दर्शन दिए थे. तभी से इस ऊंची पहाड़ी को चोरागढ़ के नाम से जाना गया. इसके साथ ही फिर भगवान भोलेनाथ के इस मंदिर का निर्माण किया गया.

त्रिशूल चढ़ाने की परंपरा
हिल स्टेशन पंचमढ़ी के प्रसिद्ध चौरागढ़ मंदिर में त्रिशूल चढ़ाने का बहुत ही खास महत्व है. इसके कारण इस स्थान पर हर साल हजारों भक्त अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए बड़े बड़े त्रिशूल चढ़ाते हैं. माना जाता है कि जब यहां चोरा बाबा ने तपस्या की थी, तो उनसे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें दर्शन दिए थे. साथ ही भगवान शिव अपना त्रिशूल इसी स्थान पर छोड़ कर चले गये थे. इसके बाद से ही चौरागढ़ मंदिर में त्रिशूल चढाने की परम्परा शुरू हुई थी. यह परंपरा आज भी लगातार चली आ रही है.

 धूमधाम से मनाई जाती है महाशिवरात्रि
हरियाली से भरपूर पचमढ़ी के सबसे प्रसिद्ध मंदिर एवं आस्था के केंद्र में से एक चौरागढ़ मंदिर भी है. यहां हर साल महाशिवरात्रि बड़ी धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ मनाी जाती है और मंदिर में एक विशाल त्रिशूल भी चढ़ाया जाता है. मंदिर लगभग 4200 फीट की ऊंची खड़ी पहाड़ी पर स्थित है. मंदिर तक पहुंचने के लिए भक्तों को लगभग 1300 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं.

Tags: Hoshangabad News, Latest hindi news, Local18, Mp news

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *