भतीजा हो तो ऐसा! चाचा की मौत के बाद उनके सपनों को ऐसे कर रहा है पूरा, लोग कर रहे हैं तारीफ

गौरव सिंह/भोजपुर: हम अपने किसी खास को किसी खास तरीके से श्रद्धांजलि देते हैं.बिहार के आरा में एक व्यक्ति ने श्रद्धांजलि देने का अनोखा तरीका अपनाया है. यह चाचा और भतीजे के प्यार को दिखाता है. जब एक भतीजे ने अपने चाचा को श्रद्धांजलि रूप मुफ्त शिक्षा देने का संकल्प लिया. इसके लिए उन्होंने अपने विद्यालय में 50 से 60 बच्चों को मुफ्त शिक्षा दे कर चाचा को श्रद्धांजलि दे रहें हैं. आरा के मारुति नगर में मौजूद एसएस पब्लिक स्कूल में कक्षा एक से 6 तक कि पढ़ाई की जाती है. इसी विद्यालय में आसपास मोहल्ले के गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा के साथ हर साल मुफ्त किताब और पोशाक भी दिया जाता है.

चाचा का सपना था मुफ्त शिक्षा

विद्यालय संचालक उज्जल कुमार सिंह ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि चाचा किसान थे. उनकी हमेशा से इच्छा थी कि पैसा हो तो एक विद्यालय खोल गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा दी जाए. ताकि समाज का विकास हो सके. लेकिन इसी बीच किन्ही कारणों से चाचा सुरेंद्र सिंह की मृत्यु हो गई. जिसके बाद हमने चाचा के नाम से ही सीबीएसई बोर्ड का स्कूल खोला और आसपास के कई मोहल्ले जैसे कि बलबतरा,बिंद टोली,उजयार टोला,मीरगंज के ठेला चालक, दिहाड़ी मजदूर करने वाले लोगो के बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने का प्रयास शुरू किए. इस में स्कूल फीस देने वाले बच्चे भी पढ़ते है. उनसे जो मुनाफा होता है, वो गरीब बच्चो पर खर्च किया जाता है. सीबीएसई बोर्ड की शिक्षा बच्चों को दी जाती है.

आगे और विस्तार करने का प्रयास

स्कूल संचालक ने बताया कि फिलहाल स्कूल में 200 से ज्यादा छात्रों का नामांकन है. इसमें लगभग 140 बच्चे वैसे हैं, जिनका परिवार स्कूल फीस, ड्रेस और किताब देने में सक्षम है और जो 50-60 बच्चे है, वो रिक्शा चालक, ठेला चालक, दिहाड़ी मजदूरी करने वालो के बच्चे हैं. उन्हें हम पूरी तरह से मुफ्त शिक्षा देते हैं. आगे इसे और बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है. स्कूल में लैब-लाइब्रेरी और ट्रांसपोर्ट की सुविधा भी शुरू किये जाने का प्लान है, ताकि दूर के गरीब बच्चों को यहां ला कर मुफ्त शिक्षा दी जा सके.

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