दौसा. राजस्थान में बीजेपी की भजनलाल सरकार आने के बाद अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है. इस हड़कंप की वजह है भजनलाल सरकार की ‘ऑन द स्पॉट’ फैसला पॉलिसी. इसके तहत मंत्री और आलाधिकारी लगातार औचक दौरे कर रहे हैं. इस दौरान गड़बड़ पाए जाने पर अधिकारियों और कर्मचारियों को मौके पर सस्पेंड करने का सिलसिला जोरों पर चल रहा है. इसी कड़ी में अब जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने दौसा में जल जीवन मिशन में गड़बड़ी पाए जाने पर एक साथ पांच इंजीनियर्स को सस्पेंड कर दिया है.
दरअसल जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी सोमवार को ईसरदा परियोजना के पांचवें फेज का शिलान्यास करने दौसा पहुंचे थे. वहां वे पीपलखेड़ा गांव में ‘जल जीवन मिशन’ के कार्यों का औचक निरीक्षण करने पहुंच गए. इस दौरान उन्हें मौके पर अनियमितता मिली. घटिया पाइपलाइन और अन्य संसाधन देखकर जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी भड़क गए. उन्होंने मौके पर मौजूद जलदाय विभाग के अधिकारियों को जमकर लताड़ लगाई.
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उसके बाद उन्होंने पीएचईडी सचिव को फोन पर ही निर्देश दिए कि जल जीवन मिशन में अनियमितता के मामले में दौसा में कार्यरत अधिशासी अभियंता सिद्धार्थ मीणा, एक्सईएन हेमंत मीणा, सहायक अभियंता नानगराम बैरवा, कनिष्ठ अभियंता दारा सिंह मीणा और जेईएन महाराज सिंह गुर्जर को सस्पेंड किया जाए. मंत्री के निर्देश के बाद पीएचईडी विभाग ने पांचों इंजीनियर्स के निलंबन आदेश जारी कर दिए.
जलदाय मंत्री ने इस दौरान आरोप लगाया कि पिछली सरकार में राजनीतिक संरक्षण प्राप्त अधिकारियों ने जमकर भ्रष्टाचार किया. इस भ्रष्टाचार में जनप्रतिनिधि भी शामिल थे. ऐसे में पिछली सरकार के दौरान हुए भ्रष्टाचार की जांच की जा रही है. इससे पहले शिक्षा मंत्री मदन दिलावर अपने औचक दौरों के दौरान कई अधिकारियों और टीचर्स को निलंबित कर चुके हैं. दो दिन पहले सिरोह की माउंट आबू नगरपालिका आयुक्त की शिकायत मिलने पर उनको भी निलंबित कर दिया गया था. वहां सीएम भजनलाल दौरे पर गए थे. स्थानीय लोगों ने आयुक्त की शिकायत की थी.
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FIRST PUBLISHED : February 13, 2024, 09:10 IST