भगवान शिव को 14 साल से न्याय का इंतजार, खुद की जमीन बचाने के लिए पहुंचे कोर्ट

गौरव सिंह/भोजपुर. महादेव सबकी सुनते हैं. सारी समस्या का हल है इनके पास. पर अब यह खुद समस्या घिर गए हैं. समस्या इतनी बड़ी है कि अदालत का शरण लेना पड़ा. मामला बिहार के आरा का है. यहां भगवान महादेव खुद संकट में है. मजबूरन महादेव न्याय के लिये आरा कोर्ट तक पहुंच गए है. पिछले 14 साल से आरा के सिद्धनाथ न्याय की गुहार आरा सिविल कोर्ट की लगा रहे है. लड़ाई भी किसी आम से नहीं बल्कि सीधे बिहार सरकार और आरा नगर निगम से है. दरअसल, भगवान के मंदिर के जमीन को सर्वे में घटा दिया गया. जिसके बाद भगवान सिद्धनाथ मंदिर के नाम से 2011 में आरा कोर्ट में मुकदमा दायर किया गया है जो अभी भी किसी निर्णायक मोड़ पर नहीं पहुंचा है.

क्या है पूरा मामला
दरअसल, पूरा मामला बिहार के आरा सिविल कोर्ट में आरा के बिंद टोली में मौजूद सिद्धनाथ महादेव मंदिर के महादेव जी के नाम से मुकदमा दायर किया गया है. मामला जमीन के सर्वे से जुड़ा है. पहले सिद्धनाथ महादेव मंदिर का कुल रकबा एक एकड़ 37 डिसमिल था, लेकिन दुबारा सर्वे हुआ तो सरकार के द्वारा रकबा घटा कर सिर्फ 84 डिसमिल कर दिया गया.

इस मामले मंदिर के महंत के द्वारा कोर्ट में बिहार सरकार, नगर निगम आरा, तत्कालीन महिला वार्ड पार्षद व अन्य 7 लोगों के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा किया गया. जिसका केस संख्या 57/11 है.केस पिछले 14 सालों से चल रहा है. वर्तमान में सभी आरोपियों की गवाही हो रही है. भगवान महादेव का मुकदमा अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा है.

क्या कहते है मंदिर के महंत
इस मामले में सिद्धनाथ महादेव के वर्तमान महंत सिधेश्वर बाबा का कहना है कि इस मंदिर की सेवा हमारे पूर्वजों के द्वारा से शुरू किया गया था जो आज भी हम निभा रहे है. मेरी माता जब महंत थी सुदामा कुंवर उनके समय ही 2011 में मुकदमा दायर किया गया था. माता जी के देहान्त के बाद मेरे द्वारा अब देखा जाता है. मुकदमा के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए महंत के द्वारा बताया गया कि सिद्धनाथ महादेव नाम से ये मंदिर है. इस मंदिर को सैकड़ों साल से खुद का जमीन 1 एकड़ 37 डिसमिल था, लेकिन फिर दुबारा सर्वे हुआ तो मंदिर का जमीन सर्वे में घटा कर सीधे 84 डिसमिल कर दिया गया.

मंदिर के जमीन के कुछ भाग को बिहार सरकार अपना बता दिया कुछ भाग को आरा नगर निगम अपना बता दिया और शेष कुछ जमीन निजी मकान वाले अपने नाम पर सर्वे में चढ़ा लिए. जिस वजह से महादेव जी के नाम से कोर्ट में बिहार सरकार, आरा नगर निगम, तत्कालीन वार्ड पार्षद और कुछ निजी लोगों के खिलाफ मुकदमा दायर किया गया है.

भगवान के नाम पर उनके सेवक कर सकते हैं मुकदमा
वहीं इस मामले में महादेव जी के तरफ से केस लड़ रहे सिविल कोर्ट के अधिवक्ता रवि कुमार श्रीवास्तव के द्वारा बताया गया कि ये थोड़ा हैरान करने वाला मामला तो है, लेकिन भारत के संविधान में ये सम्भव है. भगवान के नाम पर उनके सेवक या मंदिर के पुजारी किसी पर मुकदमा कर सकते है.

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सर्वे में मंदिर के जमीन को कम दिखाने पर मुकदमा दर्ज किया गया है. जो पिछले 14 साल से मामला कोर्ट में चल रहा है. 10 लोगों को विपक्षी पार्टी महादेव जी के द्वारा बनाया गया है. भगवान का मुकदमा है, इसलिए बिना फीस के हम ये केस लड़ते हैं. फिलहाल पक्ष और विपक्ष की गवाही चल रही है जजमेंट आने में अभी समय लगेगा.

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