अशोक यादव/ कुरुक्षेत्र. धर्मनगरी कुरुक्षेत्र का इतिहास विश्व भर में प्रसिद्ध है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र भगवान विष्णु के पांचवे स्वरूप वामन की प्रकट स्थली के नाम से भी विख्यात है. इतना ही नहीं कुरुक्षेत्र में 25 सालों बाद वामन द्वादशी मेले की परंपरा एक बार फिर से विख्यात सन्निहित सरोवर शुरू की गई है. इस दौरान वामन द्वादशी के दिन भगवान विष्णु जी की पूजा की जाती है. सांस्कृतिक मेले हमारी परंपरा का अंग है.वामन पुराण में शैव शक्ति की कथाएं भी हैं. इसमें वामन भगवान का विस्तृत वर्णन है. इतिहासकार बताते हैं कि उस दौर के राजा बलि भक्त प्रल्हाद के बड़े तपस्वी भक्त थे .. राजा बलि के तप का प्रताप इतना बढ़ गया था कि वो इंद्र देव के सिंघासन को भी हिलाने में सक्ष्म थे.
राजा बलि के अंदर अहंकार भर गया.तभी इस बात से परेशान इंद्र देव ने विष्णु भगवान से रक्षा की प्रार्थना की जिसके बाद भगवान विष्णु वामन ब्रहाम्ण के रूप में के रूप में राजा बलि के सामने प्रकट हुए और राजा बली से उन्होंने भिक्षा के रूप में दिन पग जमीन के मांगे. राजा बलि जो की महान तपस्वी होने के साथ-साथ बड़े दानी भी थे वो तुरंत मान गए .वामन देव ने अपना आकार इतना बढ़ा लिया कि पहले ही कदम में पूरा भूलोक (पृथ्वी) नाप लिया, दूसरे कदम में देवलोक नाप लिया.
“वह अदिति के पुत्र थे”
तीसरे कदम के लिए कोई भूमि नहीं बची, लेकिन राजा बलि अपने वचन के पक्के थे, इसलिए तीसरे कदम के लिए राजा बलि ने अपना सिर झुका कर तीसरा कदम उस पर रखने को कहा. वामन देव ने अपनी तीसरा पैर राजा बलि के सिर पर रख दिया.जिससे राजा बलि को भी मुक्ति मिल गई. कुरुक्षेत्र का वामन पुराण से गहरा संबंध है. विष्णु का वामन अवतार कुरुक्षेत्र की भूमि में ही हुआ था, वह अदिति के पुत्र थे.
बुरे कर्मों और अहंकार से मिलता है छुटकारा
आपको बता दें कि राजा बलि ने महाभारत कालीन 48 कोस की कुरुक्षेत्र भूमि में ही अपना यज्ञ करवाया था. वामन द्वादशी के मेले के आयोजन से युवा पीढ़ी को सनातन परंपराओं का ज्ञान मिलता है.अब एक बार फिर से दो दशकों के बाद अब दोबारा से दो दिन के वामन द्वादशी मेले का शुभारंभ किया गया गया. मान्यता है कि श्री हरि की पूजा करने से व्यक्ति के अंदर से अहंकार की भावना खत्म हो जाती है. साथ ही वामन द्वादशी के दिन भगवान वामन रूप की पूजा करने से बुरे कर्मों से छुटकारा भी मिल जाता है.
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FIRST PUBLISHED : September 26, 2023, 20:23 IST