भगवान विश्वकर्मा ने एक रात में बनाया था भव्य और अलौकिक शिवालय, रोचक है मान्यता

आशुतोष/रीवा: पौराणिक कथाओं और मान्यताओं के अनुसार भगवान विश्वकर्मा के ओर से कई नगरों का निर्माण किया गया है. वह एक ऐसे शिल्पकार थे जिन्होंने भोलेनाथ का त्रिशूल, रावण की लंका, श्रीकृष्ण की द्वारिका, देवी-देवताओं के अस्त्र-शस्त्र और घर का भी निर्माण कराया. उनकी ख्याति शिल्पकारी को लेकर थी.

रातों-रात मंदिर का हुआ निर्माण
मध्य प्रदेश के रीवा जिले में देवाधि देव महादेव के मंदिर का निर्माण भगवान विश्वकर्मा के ओर से रातों-रात कराया गया था. पुराणों के जानकार आचार्य विवेक मोहन शास्त्री बताते हैं कि रीवा जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर की दूरी पर भगवान भोले नाथ का विशाल और भव्य मंदिर है. इस जगह का नाम देवतालाब है. ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण एक पत्थर से कराया गया था और यह निर्माण कार्य खुद भगवान विश्वकर्मा के ओर से भगवान भोलेनाथ के लिए किया गया था. आचार्य विवेक मोहन शास्त्री के अनुसार, जब स्थानीय लोग रात को सोए हुए थे, तो इस स्थान पर कुछ भी नहीं था. लेकिन सुबह उठने पर वे देखे कि भव्य विशाल मंदिर का निर्माण रातों रात ही हो चुका था.

मंदिर का ऐतिहासिक महत्व
आचार्य विवेक मोहन शास्त्री बताते हैं कि इस मंदिर का निर्माण त्रेतायुग में कराया गया था. और यह स्थान कई ऋषि और मुनियों की तपोस्थली थी. ये मान्यता है कि चारों धाम की यात्रा के बाद देवतालाब में भगवान शिव के दर्शन जरूर करने चाहिए. देवतालाब में भगवान शिव का यह मंदिर जितना दिव्य है उतना ही यहां मंदिर का शिवलिंग भी दिव्य है. दिन में चार बार शिवलिंग का रंग बदलता है. इस मंदिर से जुड़ी कई ऐसी दिव्य घटनाएं हैं जिसने लोगों के धार्मिक विश्वास को बढ़ाया है. यही कारण है कि सावन महीने, महाशिवरात्रि जैसे पर्वों में मंदिर में लाखों भक्तगण अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए आते हैं. एक शिला से बनाया गया यह मंदिर भगवान विश्वकर्मा के शिल्पकारी का एक अनूठा प्रमाण है.

.

FIRST PUBLISHED : September 17, 2023, 14:52 IST

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *