भगवान राम का ननिहाल छत्तीसगढ़ धार्मिक रंग में डूबा, मुख्यमंत्री ने प्राण प्रतिष्ठा को ऐतिहासिक बताया

भगवान राम का ननिहाल छत्तीसगढ़ धार्मिक रंग में डूबा, मुख्यमंत्री ने प्राण प्रतिष्ठा को ऐतिहासिक बताया

रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सोमवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में अयोध्या के नवनिर्मित राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा एक ऐतिहासिक क्षण है और यह न केवल देश, बल्कि पूरी दुनिया के लिए गर्व की बात है.

साय ने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में लोकप्रिय दूधधारी मठ में भगवान राम के मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह न सिर्फ देश, बल्कि पूरी दुनिया के लिए बेहद गौरव का दिन है. यह एक ऐतिहासिक दिन है. (अयोध्या मंदिर में) भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 500 वर्ष के लंबे संघर्ष के बाद की गई.”

यह भी पढ़ें

अयोध्या के राम मंदिर में मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा समारोह का जश्न मनाने के लिए पूरे छत्तीसगढ़ के मंदिरों और विभिन्न स्थानों पर अनुष्ठान एवं धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए गए. साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ का भगवान राम के जीवन से निकट संबंध है.

उन्होंने कहा, ‘‘पूरा देश राममय हो गया है. यह छत्तीसगढ़ के लिए भी गर्व की बात है क्योंकि यह भगवान राम का ननिहाल और माता कौशल्या (भगवान राम की मां) की भूमि है.” मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने सोशल मीडिया पर कहा, ‘‘मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रायपुर के प्राचीन दूधधारी मठ में श्री राम दरबार के दर्शन कर प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की.”

इसने बताया कि मुख्यमंत्री ने गौ माता को चारा खिलाया और रामभक्तों को प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अवसर पर शुभकामनाएं दीं. साय ने बाद में अयोध्या में हुए प्राण प्रतिष्ठा समारोह का जांजगीर-चांपा जिले के धार्मिक शहर शिवरीनारायण में आयोजित एक समारोह के दौरान सीधा प्रसारण देखा.

उनके साथ भाजपा के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर और पार्टी के अन्य नेता भी थे. साय ने समारोह को संबोधित करते हुए अयोध्या में हुए प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को एक विशेष अवसर बताया और कहा कि देश के ‘धान के कटोरे’ के रूप में जाने जाने वाले छत्तीसगढ़ ने रामलला के लिए भोग तैयार करने के वास्ते 3,000 टन सुगंधित चावल अयोध्या भेजा था.

उन्होंने कहा कि समारोह के लिए लाखों टन सब्जियां भी अयोध्या भेजी गईं. साय ने कहा कि पूरा छत्तीसगढ़ इस अवसर का जश्न मना रहा है क्योंकि ‘‘हमारे भांजे भगवान राम” की मूर्ति को 500 वर्ष के संघर्ष के बाद अयोध्या में स्थापित किया गया है.

ऐसा माना जाता है कि शिवरीनारायण वह स्थान है जहां माता शबरी ने राम के वनवास के दौरान उन्हें अपने चखे बेर खिलाए थे. अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर रायपुर में विभिन्न स्थानों को भगवा झंडों से सजाया गया. इन झंडों पर भगवान राम और हनुमान के चित्र थे जिन पर ‘जय श्रीराम’ लिखा था. इस अवसर पर राज्य भर के मंदिरों और विभिन्न स्थानों पर अनुष्ठान, भंडारों और अन्य धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *