भगवान की प्राप्ति के लिए ये कार्य है जरूरी, कथावाचक ने प्रसंग में सुनाया महत्व

रितिका तिवारी/ भोपाल. भोपाल में जनकल्याण की भावना से छोला स्थित दशहरा मैदान में भागवत कथा चल रही है. कथा का आयोजन 19 साल से भोपाल में हो रहा है. इस साल श्री राम के आगमन के उत्साह में इस कथा को 18 जनवरी से 24 जनवरी तक रखा गया है. कथा शुरू होने से पहले बुधवार को भागवत कथा की विशाल कलश यात्रा निकाली गई, जिसके अगले दिन राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित ओमप्रकाश शास्त्री द्वारा कथा की शुरुआत की गई. पंडित जी ने ध्रुव चरित्र प्रसंग की कथा सुनाई.

इस दौरान उन्होंने बताया कि व्यक्ति को जीवन में सदैव भगवान का ध्यान करते हुए ही हर कार्य को करना चाहिए. मन में भगवान का ध्यान करते हुए काम करने से व्यक्ति के सारे मनोरथ सिद्ध होते हैं और व्यक्ति को मन मुताबिक परिणाम मिलता है. इस दौरान व्यासपीठ का पूजन कथा यजमान ने किया.

भगवान वस्तु से नहीं बल्कि निर्मल भाव से प्रसन्न होते
कथावाचक पंडित ओमप्रकाश शास्त्री ने बताया कि व्यक्ति को जीवन में सदैव भगवान का ध्यान करते हुए ही हर कार्य को करना चाहिए. मन में भगवान का ध्यान करते हुए काम करने से व्यक्ति के सारे मनोरथ सिद्ध होते हैं. इससे व्यक्ति को मन मुताबिक परिणाम मिलता हैं. मन में यदि हरी का वास होगा, तभी मन मंदिर कहलाएगा. व्यक्ति समय के अभाव में भगवान की पूजा से वंचित रह जाते हैं. कार्य जरूरी है, पर भगवान का पूजन भी उतना ही जरूरी है. भगवान का पूजन बिना किसी आडंबर के करना चाहिए. तभी वह पूजन स्वीकार होता है. यही कारण था भगवान श्री हरि ने ध्रुव की तपस्या से प्रसन्न होकर उन्हें मनचाहा वरदान दिया था.

52 जन्म की कथा का होगा आयोजन
21 जनवरी को कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा. इसमें वृंदावन की तर्ज पर श्री कृष्ण का जन्मदिन मनाया जाएगा. 22 जनवरी को गोवर्धन पर्वत की लीला प्रदर्शित की जाएगी. गोवर्धन भगवान के समक्ष कृष्ण जी की झांकी भी सजाई जाएगी. इस दौरान भक्तों द्वारा छप्पन भोग भी लगाए जाएंगे. 23 जनवरी को श्री कृष्ण रुक्मणी का विवाह होगा. 24 जनवरी को श्री कृष्ण सुदामा मिलन की सचित्र कथा का वर्णन किया जाएगा.

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