ब्लैक राइस है किसानों के लिए मुनाफे का सौदा, दस हजार रुपए क्विंटल है कीमत

विक्रम कुमार झा/पूर्णिया : आपने अक्सर सुना होगा कि किसान को खेती में घाटा हो गया. पर बिहार के इस किसान ने खेती को मुनाफे का सौदा साबित किया है. पूर्णिया जिला के रानीपतरा के किसान शशि भूषण सिंह कहते हैं कि आज तक कभी भी पारंपरिक खेती या अन्य किसानों की तरह खेती नहीं करते हैं.

यह बाजार के मुताबिक या स्थानीय लोगों की डिमांड के मुताबिक फसल की पैदावार करते हैं. जिससे उन्हें घाटा नहीं मुनाफा होता हैं. वह अपने खेतों में पिछले कई बार से अलग-अलग तरह की फसल का उत्पादन करते हैं. उन्होंने कहा कि वह अपने खेतों में जुगनी, ब्रोकली, गांठ गोभी, बंद गोभी, चाइनीस कैब्बेज, सहित कई अलग-अलग तरह की फसलों की खेतों में खेती किया करते हैं. जिस कारण उन्हें कम लागत के साथ जल्दी और अच्छा मुनाफा होता है.

28 डिसमिल खेतों में की काले धान की खेती

पूर्णिया के किसान भूषण सिंह बताते हैं कि उन्होंने अपने खेतों में भी इस बार लगभग 28 डिसमिल खेतों में उन्होंने काला धन की खेती की है. इस धान में खुशबू ज्यादा होती है और चावल भी काफी स्वादिष्ट होता है. जिस कारण इसकी बाजारों में हर वक्त कीमत ₹100 के पार रहता है. जिस कारण किसानों को अच्छा मुनाफा हो जाता है. यहां के सभी किसान पारंपरिक धान, गेहूं या अन्य फसलों की खेती करते हैं. इन चीजों से हटकर यह काला चावल की खेती या अन्य की लाभप्रद खेती करें.

लगभग 2 किलो बीज उत्तर प्रदेश से मंगवाई

उन्होंने कहा कि काला धान की खेती करना भी बिल्कुल आसान है. बस इनकी खेती करने के लिए निचली जमीनों में इनकी खेती बेहतर उपज देती है. हालांकि उन्होंने कहा इस धान की फसलों को नमी की मात्रा ज्यादा देनी होती है. वह कहते हैं कि उन्होंने अपने 28 डेसिमल खेतों में लगभग 2 किलो बीज उत्तर प्रदेश से मंगवाकर उन्होंने बुवाई की. 140 दिन बाद यह धान तैयार हो जाता है. इसके बाद किसान अपनी फसल को काटेगा.

10,000 प्रति क्विंटल की दर से बिकता है चावल

पारंपरिक धान, गेहूं की कीमत की अगर बात की जाए तो पारंपरिक धान की कीमत लगभग 1800 रुपए या ₹2000 प्रति क्विंटल की दर से बिकता है. लेकिन इसका काला चावल धान के बाजार वैल्यू की बात की जाए तो वह कम से कम 80 और ₹100 किलो हर वक्त बिक जाता है. जिस कारण वह पूरा उम्मीद कर रहे हैं. इस बार अच्छा मुनाफा होगा. काला नमक चावल धान की उपज की बात की जाए तो एक एकड़ में तकरीबन 22 क्विंटल तक की उपज देता है.

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