ब्रिटिश काल में अंग्रेजों ने खोला था ओपी, अब गृह विभाग ने दिया थाना का दर्जा, जानिए बिहार में कहां है यह PS

हाइलाइट्स

गृह विभाग की अधिसूचना जारी होते ही लोगों ने मनाई खुशी.
श्रीपुर ओपी और माधोपुर ओपी में अब दर्ज होगी एफआइआर.
श्रीपुर को थाना का दर्जा मिलने से आम लोगों को मिलेगा लाभ.

गोपालगंज. अपराध और अपराधियों पर अंकुश लगाने एवं शांति-व्यवस्था बनाये रखने के लिए बिहार पुलिस का सिस्टम लगातार अपग्रेड हो रहा है. इसके साथ ही पुलिसिंग को सुदृढ़ करने की दिशा में भी तेजी से काम हो रहा है. गृह विभाग ने गोपालगंज में अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे श्रीपुर ओपी और एक दशक पहले खुले मधोपुर ओपी को थाना में अपग्रेड कर दिया है. दोनों ओपी को थाना का दर्जा मिला है. अब इलाके के लोगों की परेशानी खत्म होगी, साथ ही अपराध पर लगाम भी लगेगा.

फुलवरिया थाने के सहायक श्रीपुर ओपी को नये थाना की स्वीकृति मिल गयी. श्रीपुर ओपी को गृह विभाग ने स्वतंत्र थाने का दर्जा दिया है. इसके बाद से ओपी भी अब स्वतंत्र थाने के रूप में कार्य करेगी. यहां थानाध्यक्ष की तैनाती की जाएगी तथा एफआइआर दर्ज किए जाएंगे. गृह विभाग ने विधि- व्यवस्था संधारण एवं ओपी को अपडेट करते हुए थाने के रूप में बदल दिया है. जिसमें श्रीपुर ओपी को भी उत्क्रमित किया गया है. ओपी को थाना का दर्जा मिलने के बाद क्षेत्र के तमाम लोगों के साथ-साथ ओपी में तैनात पुलिस पदाधिकारी में भी खुशी की लहर है.

ब्रिटिश शासन काल से संचालित है श्रीपुर ओपी
श्रीपुर ओपी ब्रिटिश शासन काल से संचालित है. अंग्रेज अपने विधि-व्यवस्था का संचालन इसी ओपी से किया करते थे. हालांकि पहले विधि-व्यवस्था का संचालन पुराने ब्रिटिश काल में निर्मित बंगले में किया जाता था, लेकिन समय परिवर्तन के साथ-साथ बांग्ला खंडहर होते गया और अब ओपी कार्य का संचालन नए भवन में किया जाता है. गृह विभाग ने श्रीपुर ओपी सहित राज्य की एक 175 ओपी को थाने में उत्क्रमित किया है. उत्क्रमित हो जाने के बाद ओपी स्थायी एवं स्वतंत्र रूप से कार्य करने में समर्थ हो जाएगा.

अपराध नियंत्रण एवं विधि व्यवस्था में महत्वपूर्ण है श्रीपुर ओपी
अपराध नियंत्रण एवं विधि व्यवस्था की दृष्टिकोण से ओपी महत्वपूर्ण भूमिका प्रदान करता है. सभी ओपी अपने निकटवर्ती थाने के अधिकृत ही काम करती थी. जिसको लेकर विधि व्यवस्था तथा समस्या उत्पन्न होने पर समय पर्याप्त संख्या में पुलिस बल नहीं मिल पाता था.अशांत माहौल बना रहता था. इसी को देखते हुए गृह विभाग की आरक्षी शाखा ने ओपी को स्वतंत्र थाने के रूप में परिवर्तित किया है. यहां भी स्वतंत्र रूप से प्राथमिकी दर्ज की जाने लगेगी.

थाना का दर्जा मिलने से स्वतंत्र करेगा काम
पहले प्राथमिकी ओपी प्रभारी की ओर से अग्रसारित किया जाता था, जो निकटवर्ती फुलवरिया थाने में दर्ज होती थी, लेकिन अब थाने का दर्जा मिलने के बाद ओपी परिसर में भी एफआइआर दर्ज किए जाएंगे. ओपी में थाना के अनुसार काम पुलिस पदाधिकारी रहते थे. लेकिन अब थाना मिलने के बाद यहां भी पर्याप्त संख्या में पुलिस पदाधिकारी की तैनाती कर दी जाएगी. श्रीपुर ओपी को थाना में तब्दील होने के बाद इसका उद्घाटन किया जाएगा. जिसकी तैयारियां चल रही है. वहीं वर्तमान थानाध्यक्ष पप्पू कुमार ने बताया कि श्रीपुर ओपी क्षेत्र के जनता के लिए गौरवान्वित पल है.

2015 में खुला था माधोपुर ओपी, अब थाना का दर्जा
बरौली थाना अंतर्गत माधोपुर ओपी सात मार्च 2015 को खुला था. अपराध की रोकथाम औार विधि-व्यवस्था को देखते हुए माधोपुर ओपी खोलने का दर्जा मिला, इसके करीब नौ साल बाद माधोपुर ओपी को गृह विभाग से थाना का दर्जा मिला है. थाना का दर्जा मिलने से इलाके के लोगों को बरौली जाना नहीं पड़ेगा और माधोपुर थाना में ही एफआइआर से लेकर अन्य काम करा सकते हैं. इलाके के लोगों में थाना खुलने की मंजूरी मिलने से खुशी है.

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