ब्रह्मांड में हम अकेले नहीं, और भी ग्रहों पर हो सकता जीवन…एलियंस के शव और UFO से खास कनेक्शन

Universe Space Scientist NASA Research: हम इस ब्रह्मांड में अकेले हैं? या फिर पृथ्वी की तरह अन्य ग्रहों पर भी जीवन हो सकता है? यह ऐसा सवाल है जो वैज्ञानिक बिरादरी से लेकर ब्रह्मांडीय जीवन में रूचि रखने वाले हर व्यक्ति के मन में उठता है। साथ ही, समय-समय पृथ्वी पर ऐसी अनेकों रहस्मयी घटनाएं घटती रहती है, जो परग्रही जीवन की संभावनाओं को बल देती हैं। कुछ वैज्ञानिक तो यहां तक दावा करते हैं कि एलियन या परग्रही जीव पृथ्वी पर आते जाते रहते हैं, वे पृथ्वी पर नजर बनाए हुए हैं। विश्व में अनेक वैज्ञानिक संस्थाएं एलियन और यूएफओ की जानकारी जुटाने के लिए काम कर रही हैं।

समय-समय पर दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से यूएफओ देखे जाने की खबरें आती रहती हैं। कोई भी इनके बारे में ठीक-ठीक नहीं बता पाता है कि ये रहस्यमयी चीजें क्यों दिखायी देती हैं। कहीं यह हमारा दृष्टिभ्रम तो नहीं है या ये एलियन जगत के जीवों के साधन उपकरण तो नहीं? इस संदर्भ में तमाम ऐसे सवाल है जो हमें कुरेदते रहते हैं। सच जो भी हो इनके अस्तित्व पर अविश्वास भी नहीं किया जा सकता है।

मैक्सिकों की संसद पेश किए गए एलियन शव

मैक्सिकों की संसद में 12 सितंबर, 2023 को दो शवों को पेश किया गया था, जिन्हें एलियन बॉडी होने का दावा किया गया। मेक्सिन जर्नलिस्ट और यूफोलॉजिस्ट जेम मोसान ने मीडिया को बताया कि ये शव पेरू की खदान में मिले थे। एलियन शवों को एक हजार साल से अधिक पुराना बताया गया। एलियन के शवों को मैक्सिको स्थित मोसान के ऑफिस में शीशे के बॉक्स में रखा गया है। शव प्रथम दृष्टया इंसानों जैसे ही नजर आते हैं। लेकिन उनके हाथों की बनावट अलग है। उनके हाथों में पांच की जगह तीन अंगुलियां हैं। मोसान ने अपने दावों के समर्थन में डीएनए टेस्टिंग और कार्बन डेटिंगग से जुड़े टेस्ट की रिपार्ट भी साझा की है। हालांकि कुछ वैज्ञानिक एलियन शव होने के दावे को खारिज कर रहे हैं।

ब्रह्मांड में अनेक ग्रहों पर हो सकता जीवन

वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिन्स ने कहा था कि इस विशाल ब्रह्मांड में परग्रही जीवन की पूरी संभावना है। अरबों आकाशगंगा वाले ब्रह्मांड में ऐसे अनेक ग्रह हो सकते हैं जहां पृथ्वी जैसा जीवन हो। पृथ्वी पर समय-समय दिखायी देने वाली यूएफओ को भी परग्रही जीवन से जोड़कर देखा जाता हैं। परग्रही जीवन में विश्वास करने वाले दावा करते हैं कि ब्रह्मांड में पृथ्वी से उन्नत सभ्यताएं निवास करती हैं, उनके जीव पृथ्वी पर आते रहते हैं, उनके यानों को ही यूएफओ के रूप में जाना जाता है।

यूएफओ को लेकर नासा ने पेश की रिपोर्ट

नासा प्रमुख बिल नेल्सन ने हाल में ही यूएफओ पर आधारित एक रिपोर्ट पेश करते हुए यह कहकर सभी को चौका दिया था कि इस ब्रह्मांड में पृथ्वी के अलावा अन्य ग्रहों पर भी जीवन है। एलियन कोई कल्पना मात्र नहीं है बल्कि उन्हें खोजने भर की देरी है। उन्होंने कहा कि यह उनकी व्यक्गित राय है। नासा ने छत्तीस पेज की एक रिपोर्ट यूएपी यानी ‘अनआइडेंटिफाइड एनोमेलस फिनोमिना, इंडिपेंडेंट स्टडी टीम रिपोर्ट’ नाम से जारी किया है। इसमें विभिन्न 144 घटनाओं का विश्लेषण किया है। हालांकि इसमें यूएफओ के अनुभवों के बारे में कुछ नहीं दिया गया है।

भारत में देखी गईं हैं यूएफओ

दुनिया में यूएफओ अनआइडेंटीफाइड फलाइंग ऑब्जेक्ट्स देखे जाने का दावा करना कोई नई घटना नहीं है। भारत में भी यूएफओ देखे जाने के दावे किए जाते रहे हैं। वर्ष 1951 की 15 मार्च को सुबह 10 बजकर 21 मिनट पर दिल्ली के फ्लाइंग क्लब के सदस्यों ने सिगार के आकार के आब्जेक्ट को हवा में उड़ते हुए देखा था। सदस्यों का दावा था कि वह मैटेलिक सिगार के आकार की वस्तु दिल्ली फ्लाइंग क्लब हैंगर के चारो ओर तेजी से मंडरा रही थी और उसकी लंबाई लगभग 100 फीट से अधिक थी। बाद में वह वस्तु उड़ते हुए आसमान में गायब हो गई। ‘नेशनल इनविस्टिगेशन कमिटी ऑन एरियल फिनोमिना’ की रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया। इस घटना का अधिकृत ब्यौरा देने वाले व्यक्ति एरियल चीफ इंजीनियर जार्ज एफ फ्लोटे थे। इस घटना को कई लोगों ने प्रत्यक्ष देखा जो उस समय क्लब में कार्य करते थे।

जब हिमाचल प्रदेश में भारतीय वैज्ञानिको का सामना हुआ यूएफओ से

27 सितंबर, 2004 में भारत के वैज्ञानिकों की एक टीम ने हिमाचल प्रदेश की लाहौल स्फीति घाटी में यूएफओ देखे जाने का दावा किया था। हिमाचल प्रदेश के चंद्र ताल के निकट समुद्र टापू नामक जगह पर वैज्ञानिकों ने एक विशेष प्रकार की वस्तु को आसमान में तेजी से मडराते देखा था। इसे देखने का दावे करने वाली टीम में 5 भारतीय वैज्ञानिक थे, जो चंद्रताल के पास ग्लेंशयरों का अध्ययन कर रहे थे। वैज्ञानिकों की 5 सदस्यी टीम में से 3 सदस्य अहमदाबाद स्थित इसरो के स्पेस एप्लीकेशन सेंटर से थे और दो व्यक्ति जियोलिस्ट थे।

इस टीम को इसरों के सीनियर वैज्ञानिक अनिल कुलकर्णी लीड कर रहे थे। ग्लेशियरों को अध्ययन करने के लिए उन्होंने हिमाचल प्रदेश के चंद्रताल के पास समुद्र से करीब 17000 फीट की उंचाई पर अपना कैंप बना रखा था। वैज्ञानिकों का यह अभियान सात दिनों का था। वे सैटेलाइट मैपिंग के आधार पर चंद्रताल ग्लेशियर का अध्ययन कर रहे थे। 27 सितंबर की सुबह को करीब 6 बजकर 45 मिनट पर भारतीय वैज्ञानिकों की टीम ने यूएफओ को देखने का दावा किया। उनका कहना था कि उन्होंने उस उड़ती हुई विशेष चीज को करीब चालीस मिनट तक देखा। इस खबर को कई समाचार संस्थाओं ने कवरेज किया।

कलकत्ता के आसमान में देखी गई रहस्यमयी वस्तु

29 अक्टूबर, 2007 को कलकत्ता के आसमान में रहस्यमयी घटना देखी गई। उस दिन सोमवार था, कोलकाता की पूर्वी दिशा में शाम को साढे़ तीन बजे से साढे़ छह बजे के बीच स्थानीय लोगों ने आकाश में एक रहस्मयी वस्तु को देखा। लोगों ने उस घटना का वीडियो भी बनाया। बाद में उस घटना के बारे स्पष्ट नहीं हो सका। अटकलें यह भी लगाई गईं की यह किसी मिसाइल या किसी और वस्तु का परीक्षण भी हो सकता है। हालांकि किसी स्पष्ट नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सका।

चेन्नई में देखी गई यूएफओ

20 जून, 2013 को चेन्नई के लोगों ने आसमान में पांच लाइटों वाली अनजान वस्तु को मडराते देखा। वह वस्तु शाम के करीब 8 बजकर 55 मिनट पर दक्षिण से उत्तर की ओर गति कर रही थी और उसमें से तेज प्रकाश निकल रहा था।

पंजाब के लुधियाना में यूएफओ देखे जाने का दावा

दिसंबर, 2021 में लुधियाना के आसमान में अजीबो-गरीब प्रकाश देखा गया, जिसे यूएफओ होने का दावा किया गया। आसमान में तेजी से उड़ती वस्तु से कई रंगों का प्रकाश निकल रहा था।

भारतीय सैनिकों ने लद्दाख में देखी रहस्मयी वस्तु

4 अगस्त, 2013 को भारतीय सेना के कुछ जवानों ने लद्दाख के ‘लगान खेड़ा डेमचोक’ एरिया में आसमान में मडराती रहस्यमयी वस्तु के देखने का दावा किया था। हालांकि यह कोई नई घटना नहीं है। हिमालय के उंचे इलाकों पर इस प्रकार की वस्तु देखे जाने का कई बार दावा किया गया है। जांच करने पर कभी कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है। विशेषज्ञों ने घटनाओं का अपने अनुसार विश्लेषण करने का प्रयास किया है। कोई एक नतीजे पर नहीं पहुंच पाया है।

2014 – 2015 में देश के कई हिस्सों में हुई यूएफओ की घटनाएं

वर्ष 2014-2015 में देश के कई हिस्सों में यूएफओ की घटनाएं देखी गईं। 23 जुलाई, 2014 को लखनऊ के राजाजीपुरम एरिया के आसमान में लोगों ने यूएफओ देखे जाने का दावा किया था। स्थानीय लोगों का कहना था कि उन्होंने आसमान में चमकती रहस्मयी वस्तु देखी।

अक्टूबर, 2014 में एक हवाई जहाज के कॉमर्शियल पायलट ने उड़ाने भरते समय पुणे के आसमान में करीब 20 हजार फीट की ऊंचाई पर अपने जहाज के चारो ओर नीले रंग की एक रहस्मयी चीज को मडराते हुए देखा था। इसकी जानका पायलट ने मुंबई एयर ट्रैफिक कंट्रोल को भी दी थी।

इसी प्रकार केरल राज्य के कोच्चि में 29 अक्टूबर, 2014 को आसमान में रंगबिरंगी प्रकाशयुक्त रहस्यमी वस्तुएं देखी गईं। घटना के कारणों का बाद में भी स्पष्ट नहीं को सका है। स्थानीय लोगों ने उस रहस्मयी प्रकाश युक्त वस्तु के फोटो भी खींचे।

जून, 2015 में कानपुर के एक लड़के अभिजीत ने अपने फोन से यूएफओ की तस्वीर लेने का दावा किया। मोबाइल से खीचें उसके फोटो में आसमान में तस्तरी के आकार की एक वस्तु दिखायी दे रही थी।

(लेखक इंटरनेशनल स्कूल आफ मीडिया एंड एंटरटेनमेंट स्टडीज (ISOMES) में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. आशीष कुमार)

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