मीरा बाई पर आधारित नृत्य नाटिका में सांसद व अभिनेत्री हेमामालिनी की प्रस्तुति ने समा बांध दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित मौजूद जनसमुदाय करीब डेढ़ घंटे तक एकचित होकर मीरा बाई के जीवन पर आधारित प्रस्तुति देखता रहा। इस भाव पूर्ण मंचन में मीरा के पदों पर हेमा मालिनी के नृत्य प्रस्तुति ने सभी को भाव विभोर कर दिया।
धौलीप्याऊ रेलवे मैदान पर ब्रज रज उत्सव में बृहस्पतिवार को शुरू हुए तीन दिवसीय संत मीरा बाई जयंती समारोह में सांसद अभिनेत्री हेमामालिनी और साथी कलाकारों ने मीरा बाई के जीवन पर आधारित नृत्य प्रस्तुति दी। कृष्ण प्रिया रंग दे चुदरिया से शुरू हुई नृत्य नाटिका में हे गोपाला कहां छुपे हो दर्शन दो श्याम रे, मैं दुल्हन बन कान्हा संग रास रचा बैठी, मेरो तो गिरधर गोपाल दूसरा ना कोई, मैं तो गिरधर के घर जाऊ, कैसी लागी लगन मीरा हो गई मगन वो तो गली-गली हरि गुन गाने लगी आदि भजनों के साथ मीरा के जीवन की झलक प्रस्तुत की गई।
शाम 7.12 बजे शुरू हुई इस भाव पूर्ण प्रस्तुति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपनी सुध बुध खो बैठे। मुख्यमंत्री और राज्यपाल के साथ एक चित होकर 1.35 मिनट की मीरा बाई के जीवन पर आधारित प्रस्तुति को निहारते रहे। पद घुंघरू बांध मीरा की छवि पर हेमामालिनी के नृत्य ने इस पंडाल में मौजूद लोगों का भी मन मोह लिया। बड़ी संख्या में मौजूद लोग बगैर किसी शोरगुल के शांत भाव से नृत्य नाटिका को देखते रहे।
मीराबाई नृत्य नाटिका में हेमा मालिनी की शानदार प्रस्तुति
ब्रज रज उत्सव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने मीराबाई नृत्य नाटिका में हेमा मालिनी ने मीरा के कृष्ण प्रेम के विरह को नृत्य से उकेरा। सांसद की नाट्य प्रस्तुति ने दर्शकों की खूब तालियां बटोरीं।
मंत्रमुग्ध दिखाई दिए दर्शक
हेमामालिनी ने मीरा की भगवान कृष्ण के प्रति अनन्य भक्ति का सजीव चित्रण किया। दिखाया कि किस तरह ससुराल जनों द्वारा उन्हें भक्ति मार्ग से उद्वेलित करने के लिए अपमानित किया गया। मीरा को उनके पति ने कैसे समझाया। ऐसी भक्ति के नाट्य की प्रस्तुति को देख दर्शक मंत्रमुग्ध दिखाई दिए।
मीरा को दिया गया जहर
मीरा बाई नृत्य नाटिका में हेमा मालिनी के अभिनय को देख दर्शक मंत्रमुग्ध दिखाई दिए। प्रेम की पीर और विरह की वेदना, जब मीरा को जहर का प्याला दिया गया, तो मीरा भी श्रीकृष्ण का नाम लेते हुए जहर पी गईं। सबको लगा कि अब मीरा जीवित नहीं बचेगी, लेकिन विष का प्याला मीरा के लिए अमृत बन गया।