परमजीत कुमार/देवघर. शादी का सीजन चल रहा है. बाबा बैद्यनाथ नाथ मंदिर में भी जोड़े विवाह के बंधन में बंध रहे हैं. कई कपल्स शादी के बाद बाबा का आशीर्वाद लेने जाते हैं और परंपरा का निर्वहन करते हैं. लेकिन, क्या आप जानते हैं बैद्यनाथ मंदिर में शादी करने का नियम है और इसके लिए शुल्क भी लगता है.
बाबा बैद्यनाथ मंदिर प्रबंधक रमेश परिहस्त ने बताया कि शादी के दिनों में देश के कई राज्यों से यहां विवाह संपन्न करने के लिए लोग पहुंचते हैं. साथ ही आसपास के इलाकों में शादियों की जितनी रस्में हैं, वह तो घर पर होती हैं, लेकिन सिंदूरदान बैद्यनाथ मंदिर में ही आकर करते हैं. लोग शादियों में भगवान शिव और माता पार्वती को साक्षी बनाते हैं.
पहले कराना होगा रजिस्ट्रेशन
बैधनाथ मंदिर की अपनी एक परंपरा है. यहां तीर्थ पुरोहित विवाह संपन्न कराते हैं, जो जोड़े यहां पर शादी करना चाहते हैं, उनमें लड़के की तरफ से पहले ₹50 रुपये का रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है. रजिस्ट्रेशन के बाद कपल बैद्यनाथ मंदिर में शादी कर सकते हैं. हालांकि, मंदिर मे कपल का कोई भी डॉक्यूमेंट जैसे आधार कार्ड, वोटर आईडी आदि की जरूरत नहीं पड़ती है.
गठबंधन की परंपरा
बैद्यनाथ मंदिर में भगवान शिव और माता पार्वती के बीच गठबंधन की परंपरा है. कई लोगों के विवाह में देरी होती है. ऐसे में वे लोग मन्नत मांगते हैं और शादी हो जाने के बाद माता पार्वती और भगवान शिव के शिखर के बीच लाल धागों का गठबंधन किया जाता है. जिसे गठजोड़ भी कहा जाता है. इसके साथ ही नवविवाहित जोड़े भी इस गठबंधन की परंपरा को निभाते हैं, ताकि शिव-पार्वती के जैसा उनकी जोड़ी हमेशा बनी रहे.
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FIRST PUBLISHED : February 15, 2024, 19:13 IST