बैगन की खेती करने वाले किसानों की बढ़ी परेशानी, किसानों ने सरकार से लगाई मदद की गुहार

विशाल कुमार/छपरा. सारण में बैगन की खेती करने वाले किसान इन दिनों काफी परेशान चल रहे हैं. परेशानी की मुख्य वजह किसानों के खेत लहलहाते बैगन की फसल में कीट का प्रकोप बढ़ जाना है. फुट और सूट नामक कीट ने किसानों का जीना मुहाल कर दिया है. छपरा के कई प्रखंडों में किसान इस कीट के चलते परेशान हैं. रिविलगंज प्रखंड के अजमेरगंज गांव में भी कीटों ने फसल को पूरी तरह से बर्वाद कर दिया है. किसान हर प्रकार का उपाय कर थक चुके हैं. किसान की फसल बचाने को लेकर तमाम प्रयास विफल हीं साबित हो रहे हैं. किसानों का कहना है कि अच्छी फसल के बावजूद इस साल नुकसान होने वाला है, क्योंकि कीटों ने फसल को पूरी तरह से बर्वाद कर दिया है.

किसान लड्डू महतो ने बताया कि एक बीघा में बैगन की फसल लगी है. जिसमें फुट और सूट कीट ने किसानों की कमर तोड़कर रख दी है. बैगन की खेती करने वाले किसान हताश हैं. उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि सबसे पहले किसानों के बैगन की फसल बचाने के लिए दवा उपलब्ध कराई जाए, ताकि बैगन की फसल को बचाया जा सके. उन्होंने बताया कि बैगन की फसल के पत्ते को सबसे पहले कीटों ने खा लिया. अब जब बैगन तैयार हो गया है तो उसके टहनी को भी कीट खाने लगे हैं. ऐसे में किसान क्या करें. उन्होंने बताया कि छपरा जिला के विभिन्न इलाकों में इस बार किसानों ने बड़े पैमाने पर बैगन सब्जी की खेती की है. लेकिन कीट लग जाने की वजह से किसानों को भारी नुकसान हो रहा है.

इन दवाओं से कीटों का प्रकोप हो जाएगा कम
कृषि विभाग के सहायक निदेशक राधेश्याम कुमार ने बताया कि बैगन की फसल में एक विशेष कीट लग रहा है और पहचान यह है कि पत्ता सूखने लगेगा. इसके साथ हीं टहनी में छेद कर कीड़ा अंदर घुसकर काटना शुरू कर देता है. तब किसान को समझ लेना चाहिए कि फुट और सूट कीट का प्रकोप है. यह कीट इतना खतरनाक है कि बैगन का पत्ता खाने के बाद फसल भी खा लेता है. बैगन की फसल को इस कीट से बचाने के लिए किसानों को रासायनिक दवाओं का छिड़काव करना चाहिए. किसान इमामेट्री बेन्जॉय के साथ 5 प्रतिशत नोवा लियोन प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव कर सकते हैं. सहायक निदेशक ने किसानों को दोपहर में दबा का छिड़काव करने की सलाह दी है. उन्होंने बताया कि फसल अधिक प्रभावित हो तो सप्ताह में इसका दो बार छिड़काव कर सकते हैं. इससे कीट का प्रभाव कम हो जाएगा.

.

FIRST PUBLISHED : October 5, 2023, 18:06 IST

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *