धीरज कुमार/मधेपुरा : आधुनिकता के इस दौर में किसान अब पारंपरिक खेती को छोड़कर तकनीकी खेती पर ज्यादा जोर दे रहे हैं. किसान धान और गेहूं के बजाय साग-सब्जी और फल-फूल की खेती ज्यादा कर रहे हैं. मोटे अनाज की खेती के किसान 6 महीने में एक बार मुनाफा कमाते हैं. वहीं सब्जी की खेती करने कर किसान रोजाना मुनाफा कमाते हैं.
मधेपुरा जिला स्थित ग्वालपाड़ा प्रखंड स्थित झलाड़ी के रहने वाले किसान विलास मंडल पिछले 10 वर्षों से सब्जी की खेती कर रहे हैं. वर्तमान में 15 कठ्ठे में लाल बैगन की खेती कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि अनुमान है कि इस बार 2 लाख से अधिक मुनाफा होगा. पिछले साल सात कट्ठे में बैंगन की खेती से डेढ़ लाख तक कमाई की थी.
सीजनल सब्जी की खेती कर दो से तीन लाख की कर लेते हैं कमाई
विलास मंडल हर तीन महीने में सीजनल सब्जी खेती कर 2-3 लाख का मुनाफा कमा लेते हैं. खेत में अभी बैंगन लगा हुआ है. इससे पहले गोभी की खेती किए थे. सीजन में अलग-अलग सब्जी की खेती कर आलमनगर, सिंघेश्वर, सहरसा, मधेपुरा, खगड़िया सहित अन्य जगह के व्यपारी को दे देते हैं. खेत पर हीं सही कीमत मिल जाता है.
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विलास मंडल ने बताया कि वह हर सीजन में अलग-अलग सब्जी की खेती करते हैं. पिछले 10 वर्षों से दो से तीन बीघे में सीजनल सब्जी की खेती करते हैं. जिसमें अभी 15 कट्ठे में बैगन लगा हुआ है. इसके अलावा खीरा, करेला, लौकी भी खेत में लगाए हुए हैं. वहीं लाल बैंगन टूटना शुरू हो चुका है. 25 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बैगन बिक रहा है.
100 से 200 ग्राम के बीच का होता है एक बैगन
विलास मंडल ने बताया कि गेहूं और धान की खेती इसलिए नहीं करते हैं कि चूहा बहुत परेशान करता है. लेकिन, सब्जी में ऐसा नहीं है. इस बार बैगन की खेती से दो से तीन लाख की कमाई का अनुमान है. उन्होंने बताया कि लाल बैंगन की खासियत यह है कि एक बैगन लगभग 100 से 200 ग्राम के बीच होता है और 10 बैगन 1 किलो तक हो जाता है. बैगन का स्वाद भी बेहतर होता है. लोग काफी पसंद करते हैं और गांव में लोग आम बोलचाल की भाषा इसे देसी बैगन या ललकी बैगन भी बोलते हैं.
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FIRST PUBLISHED : February 16, 2024, 19:16 IST