बैंक से कर्ज लेकर शुरू किया मछली पालन, अब 8 महीने में एक एकड़ के तालाब से कमाते हैं 7 लाख रुपए

कुंदन कुमार/गया. किसानों के लिए मछली पालन कम लागत में ज्यादा मुनाफे वाला बिजनेस साबित हो रहा है. यही वजह है कि बड़ी संख्या में किसानों को मछली पालन में हाथ आजमाते देखा जा रहा है. गया जिले में एक ऐसे ही किसान हैं, जो एक एकड़ में मछली पालन कर सालाना 6 से 7 लाख रुपए की बचत कर रहे हैं.

गया के टिकारी प्रखंड क्षेत्र के दौलतपुर गांव के रहने वाले किसान दिलीप कुमार सिंह पिछले एक साल से मछली पालन के व्यवसाय से जुड़े हुए हैं. वे कहते हैं कि अगर इसमें सरकार की ओर से कुछ सहयोग मिल जाए तो वे बड़े पैमाने पर मछली का पालन कर सकते हैं. हालांकि तमाम प्रयास के बावजूद उन्हें अबतक सरकार से मदद नहीं मिली है.कुछ पैसे घर से और कुछ दोस्तों से कर्ज लेकर मछली पालन की शुरुआत की है.

पहले करते थे पारंपरिक खेती

किसान दिलीप सिंह कहते हैं कि वे पहले धान और गेहूं की खेती करते थे. लेकिन इसमें ज्यादा फायदा नहीं होते देख इन्होंने अन्य लोगों की सलाह पर मछली पालन शुरू किया. गांव में ही एक एकड़ जमीन पर तालाब खुदवाकर मछली पालन की शुरुआत की. इन्होंने अपने तालाब में लगभग 25000 जासर मछली का बीज डाला है. और इससे लगभग 20 टन मछली का उत्पादन होने का अनुमान है. बाजार में इस मछली की कीमत खुदरा 150 रुपए प्रति किलो है, जबकि थोक में 120 रुपए प्रति किलो की दर से व्यापारी तालाब से ही मछली खरीद कर ले जाते हैं.

70:30 के अनुपात में लागत और फायदा

दिलीप सिंह ने बताया किमछली पालन के इस व्यवसाय में 70:30 के अनुपात में लागत और बचत होती है. वे बताते हैं कि वे अपने दोस्तों से और बैंक से कर्ज लेकर अभी तक लगभग 15 लाख रुपए इसमें खर्च कर चुके हैं. इस व्यवसाय में सबसे ज्यादा खर्च मछलियों के चारा और दवाई पर किया जाता है. वे गया के लोकल मार्केट से मछली का चारा खरीद कर लाते हैं और अपने मछलियों को देते हैं. लगभग 8 महीने तक इसका पालन किया जाता है. अब कुछ ही दिनों में तालाब से मछली निकाल लिया जाएगा. उन्हें उम्मीद है कि लगभग 7 लाख रुपये की आमदनी हो जाएगी.

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FIRST PUBLISHED : November 1, 2023, 10:41 IST

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