बंबई उच्च न्यायालय ने कहा है कि बैंक खातों की अंतरिम जब्ती एक ‘‘कठोर’’ कार्रवाई है और अधिकारियों को ऐसा आदेश जारी करते समय तय प्रक्रिया का पालन करना चाहिए।
न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी और न्यायमूर्ति फिरदौस पूनीवाला की खंडपीठ ने सीमा शुल्क विभाग के 2022 के आदेश के खिलाफ सोने के व्यापार से जुड़ी तीन फर्म द्वारा दायर याचिकाओं पर 12 मार्च को जारी अपने फैसले में कहा कि ऐसे प्रावधानों का उद्देश्य पूर्वाग्रह से की गई कार्रवाई करना नहीं है।
विभाग ने सोने की तस्करी की जांच के सिलसिले में चोकसी अरविंद ज्वेलर्स, पल्लव गोल्ड और मैक्सिस बुलियन के परिसरों की तलाशी के बाद उनके खातों को अस्थायी रूप से कुर्क करने का निर्देश दिया था।
कंपनियों के वकील सुजय कांतवाला ने दलील दी कि सीमा शुल्क अधिनियम की धारा 110(5) के तहत आवश्यक है कि ऐसे आदेश लिखित रूप में पारित किए जाएं और कारण बताए जाएं।
याचिकाकर्ताओं ने यह भी दावा किया कि उन्हें कुर्की के बारे में सूचित नहीं किया गया था और विभाग ने इस संबंध में सीधे बैंकों को आदेश भेज दिए।
उच्च न्यायालय ने माना कि कार्रवाई अवैध थी, क्योंकि सीमा शुल्क अधिनियम के तहत निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था।
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