बेहद सरल है जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनाना, बस अपने साथ जरुर लाएं यह कागजात, VIDEO

कुंदन कुमार/गया. जन्म प्रमाण पत्र आजकल एक बहुत ही महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जैसे आधार कार्ड या पैन कार्ड. यह न केवल सरकारी कामों में उपयोगी होता है, बल्कि स्कूल या कॉलेज में प्रवेश लेते समय भी इसकी आवश्यकता होती है. जन्म प्रमाण पत्र आप अपने नजदीकी सरकारी अस्पताल, तहसील या नगर निगम कार्यालय में भी बनवा सकते हैं. जन्म प्रमाण पत्र एक आवश्यक दस्तावेज बन चुका है. क्योंकि इसके सहारे सरकार द्वारा दी जाने वाली विभिन्न सुविधाओं का आप बड़ी आसानी से लाभ उठा सकते हैं.
जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए सबसे पहले नगर निगम में जाकर जन्म प्रमाण पत्र फॉर्म प्राप्त कर सकते है. अगर बच्चा अस्पताल में पैदा हुआ है तो अस्पताल कर्मचारी आपको खुद ही फॉर्म दे देंगे.

रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरने के बाद उम्मीदवार सभी दस्तावेज के साथ आपने जिस भी कार्यालय से फॉर्म लिया है, उसी कार्यालय में जमा करा दें. उसके बाद रजिस्टर में जन्म के सभी रिकॉर्ड जन्म तिथि, जन्म स्थान, माता-पिता का नाम, अस्पताल का नाम इत्यादि रिकॉर्ड का वेरिफिकेशन किया जायेगा. सभी रिकॉर्ड वेरीफाई हो जाने पर जन्म प्रमाण पत्र बन जायेगा.

बच्चे के जन्म के 21 दिन के भीतर रजिस्ट्रेशन का नहीं लगता है शुल्क
जन्म होने वाले बच्चे के माता-पिता का आधार कार्ड. यदि बच्चे का जन्म घर पर हुआ है, तो ऐसी स्थिति में हलफनामा आवश्यक है. जिस अस्पताल में बच्चे का जन्म हुआ उस अस्पताल से प्राप्त होने वाली रसीद, माता या पिता में से किसी एक का बिहार मूल निवासी प्रमाण पत्र. माता और पिता का मोबाइल नंबर जरुरी है. जन्म प्रमाण पत्रका पंजीकरण यदि बच्चे के जन्म के 21 दिन के भीतर किया जाता है, तो कोई शुल्क नहीं लगता है. लेकिन यदि 21 दिन से अधिक की छूट है, तो जन्म प्रमाण पत्र के लिए 2 दिन की देरी से विलंब शुल्क लगता है. बच्चे के जन्म पर 30 दिन से अधिक (एक साल से कम) पर 5 रुपये की देरी से शुल्क देना होगा. एक साल के बाद 10 रुपया विलंब शुल्क लगता है.

जहां से संबंधित है मामला वहीं होगा रजिस्ट्रेशन
इस संबंध में गया नगर निगम के जन्म मृत्यु रजिस्ट्रार पवन कुमार बताते हैं कि जिस क्षेत्राधिकार में घटना घटित होती है (जन्म लेना या मृत्यु होना) उसी क्षेत्र में इसके लिए रजिस्ट्रेशन किया जाता है. अगर नगर निगम क्षेत्र में घटना घटित होता है तो उसका रजिस्ट्रेशन नगर निगम में होगा और यहीं से प्रमाण पत्र निर्गत किया जाएगा. अगर किसी सरकारी अस्पताल में घटना घटित होती है तो उसका रजिस्ट्रेशन अस्पताल में ही किया जाता है. वहीं प्राइवेट नर्सिंग होम में घटना घटित होती है तो नगर निगम से प्रमाण पत्र निर्गत किया जाएगा.

इतने दिन तक नहीं लेनी पड़ेगी अनुमति
घटना घटित होने के 30 दिनों के अंदर आप प्रमाण पत्र बनवाते हैं तो किसी भी तरह के अनुमति की आवश्यकता नहीं पड़ती. लेकिन 30 दिनों के बाद प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी के अनुमति से रजिस्ट्रेशन होता है. जबकि एक साल के बाद प्रखंड विकास पदाधिकारी को इसके लिए प्राधिकृत किया गया है और उनके अनुमति के बाद विलंब शुल्क लेकर रजिस्ट्रेशन का प्रवधान है.

Tags: Birth Certificate, Gaya news, Local18

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