अभिनव कुमार/दरभंगा:- आयुर्वेदिक उपचार पूरी तरह से जड़ी-बूटियों पर निर्भर है. यह जड़ी-बूटियां कई बीमारियों के रोकथाम में मदद करता है. अकॉन का पेड़ भी बेहद चमत्कारी है. यह आंख से जुड़ी समस्या को दूर करने में कारगर है. अकॉन के पत्ते से निकलने वाला दूध आंख में होने वाली कंजक्टिवाइटिस जैसी बीमारी के रोकथाम में कारगर है. आयुर्वेद में व्याख्यान दिया गया है कि किस प्रकार से पैरों पर अकॉन के पत्ते का एक बूंद डालने से आंख में होने वाली कंजक्टिवाइटिस जैसी बीमारी से आपको राहत मिलती है. इस बीमारी में आंख में जलन और सूजन होने लगती है. ग्रामीण क्षेत्रों में इसे लोग आंख का आना भी कहते हैं. इस तरह की बीमारी एलर्जी, बैक्टीरिया या फिर वायरस संक्रमण की वजह से भी होता है.
कंजक्टिवाइटिस को दूर करने में अकॉन का दूध है कारगर
राजकीय कामेश्वर सिंह आयुर्वेद चिकित्सालय दरभंगा के प्राचार्य डॉ. शंभू शरण बताते हैं कि आयुर्वेद में उपचार के कई अलग-अलग तरीके बताए गए हैं. कोई औषधि रस गुण के प्रभाव से कार्य करती है, तो कोई अपने गुणों के प्रभाव से कार्य करती है. अकॉन के पत्ते का दूध मुख्यतः कंजक्टिवाइटिस में बेहतर काम करती है. यदि आपके बाएं आंख में कंजक्टिवाइटिस हो रखा है, तो दाहिने पैर के अंगूठे पर अकॉन के पत्ते का एक बूंद दूध डालने से आपको राहत मिल जाएगा.
इन बीमारियों में भी है कारगर
प्राचार्य डॉक्टर शंभू शरण ने बताया कि अकॉन का पत्ता और पेड़ दोनों गुणकारी है. ये सूजन और दर्द से राहत दिलाने में कारगर है. अकॉन के पत्ते को गर्म कर सरसों तेल के साथ सूजन या फिर दर्द वाले जगह पर सेकने से राहत मिलता है. अकॉन का पत्ता वेदना नासक संधि शूल है. अकॉन के दूध और पेड़ का उपयोग बहुत सारी बीमारियों में कर सकते हैं. लेकिन इसका उपयोग हमेशा चिकित्सकों की देख-रेख में ही करना चाहिए. कफ की समस्या होने पर अकॉन के जड़ का तेल बनाकर कफ सिरप के तौर पर उपयोग कर सकते हैं. अकॉन के फूल का टेबलेट बनाकर उपयोग कर दमा की समस्या से राहत पा सकते हैं.
नोट:- हाथों से करते हैं कान साफ या लगाते हैं इयरफोन, तो जाएं सावधान, वरना सुन्न हो जाएगी सारी आवाज
सात दिन में कंजक्टिवाइटिस हो जाएगा समाप्त
प्राचार्य डॉ. शंभू शरण ने बताया कि यदि आपके दाहिने आंख में कंजक्टिवाइटिस हो गया है, तो बाएं पैर के अंगूठे पर अकॉन के पत्ते का एक बूंद दूध डालने से ठीक होने लगेगा. अकॉन के दूध में काफी शक्ति होती है, जो पैर पर डालने से आंखों तक पहुंच कर उसके वायरस को खत्म कर देता है. इस प्रक्रिया को अपनाने से यह बीमारी दो से तीन दिनों में ठीक होने लगेगा. वहीं अधिकतम 7 दिनों के अंदर बिल्कुल ठीक हो जाएगा.
.
Tags: Ayurveda Doctors, Bihar News, Darbhanga news, Health News, Local18
FIRST PUBLISHED : March 3, 2024, 11:11 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.