आशुतोष तिवारी/रीवा: प्राकृतिक संपदा से भरपूर मध्य प्रदेश का रीवा अपने आप में बेहद खास है. रीवा विंध्य क्षेत्र के सबसे प्रसिद्ध और खूबसूरत शहर में से एक है. यही वजह है कि रीवा पर्यटकों की पसंद बना हुआ है. तीन नदियों के संगम के किनारे बसा रीवा का राज महल बेहद आकर्षक दृश्य पेश करता है. रीवा किला के पीछे इसी नदी में ऐसे कई घाट हैं जो 16वीं, 17वीं सदी के हैं. ये घाट पुराने पत्थरों से बने हैं. इनमें से एक घाट है राजघाट, यहां कभी राजा और राज परिवार के सदस्य नहाया करते थे.
महाराजा भाव सिंह ने बनवाया था घाट
इतिहासकार असद खान ने बताया कि 1617 ई. में महाराजा विक्रमादित्य सिंह ने रीवा को अपनी राजधानी बनाई थी. इसके बाद भाव सिंह रीवा के महाराज बने. महाराजा भाव सिंह को किला, मंदिर, घाट आदि बनवाने का बहुत शौक था. उन्होंने 1664 में किले के पीछे भव्य राजघाट बनवाया था. रीवा के जितने भी राजा हुए हैं, वे सभी इसी घाट में नहाया करते थे. ये घाट तीन नदियों के संगम के किनारे है. इतिहासकार ने बताया कि यह संगम बिछिया नदी और सोन नदी से मिलकर बना है. ये दोनों नदियां मिल कर बीहर नदी का निर्माण करती हैं. उस समय महाराजा भाव सिंह के द्वारा नदी में घाट इसलिए बनवाए गए थे, जिससे लोगों को नहाने में आसानी हो.
राजघाट में आज भी नहाते हैं लोग
रीवा में बहने वाली बीहर, बिछिया और सोन नदी में राजघाट सबसे सुंदर है. इस घाट का पानी बेहद स्वच्छ है. रोजाना लोग नदी में नहाने के लिए सुबह से ही पहुंचने लगते हैं. लोगों का कहना है कि ठंडी के दिनों में भी सुबह-सुबह नदी का पानी गर्म रहता है.
दिलचस्प है नाव की सवारी
इस नदी में नाव की सवारी का लुत्फ भी उठाया जा सकता है. नदी के दोनों साइड कई घाट बने हैं. महज 200 रुपए लेकर नाविक पूरी नदी में नाव की सैर करवाते हैं. नाविक बताते हैं कि पहले नदी में काफी बड़ी नांव चलती थी, जिसमें 50 से 100 लोग एक बार में सवारी करते थे.
.
Tags: Local18, MP tourism, Rewa News
FIRST PUBLISHED : October 28, 2023, 18:20 IST