हिना आज़मी/ देहरादून. देवभूमि उत्तराखंड को भगवान शिव की क्रीड़ा स्थली कहा जाता है. यहां भोलेनाथ के कई मंदिर हैं, जहां आप उनके दर्शन करके मन की शांति की प्राप्ति कर सकते हैं. लेकिन आज हम आपको राजधानी देहरादून का एक ऐसा मंदिर बताने वाले हैं, जहां दान स्वीकार नहीं किया जाता है. हम बात कर रहे हैं देहरादून मुख्य शहर से करीब 10 किलोमीटर दूर मसूरी रोड पर स्थित श्री प्रकाशेश्वर महादेव मंदिर की. मंदिर के सेवादार अशोक गुलाटी ने जानकारी दी कि इस मंदिर को स्थापित हुए 34 साल हो चुके हैं. 5 मार्च को इसकी 34वीं वर्षगांठ मनाई गई थी. यह एक निजी प्रॉपर्टी है, जिसे गुरु शिवदास मूलचंद खत्री ने बनवाया था. इस मंदिर की बहुत मान्यता है इसलिए लोग दूर-दूर से यहां दर्शन करने के लिए आते हैं और यहां दान नहीं लिया जाता है.
उन्होंने बताया कि गुरुजी की यह इच्छा थी कि एक ऐसा मंदिर बनाया जाए, जहां दान न किया जाए क्योंकि इंसान को भगवान ही देते हैं, तो भला इंसान उन्हें कुछ कैसे दे सकता है. वहीं लोग अगर मंदिरों में पैसा चढ़ाते भी हैं, तो फेंककर देते हैं जो गलत है, इसलिए उन्होंने इस मंदिर की नींव रखी थी. इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग स्फटिक से बना है, जिस वजह से यह इस मंदिर को विशेष बनाता है. वहीं इस मंदिर के ऊपरी हिस्से में 150 से ज्यादा त्रिशूल बने हुए हैं, जो इसकी खूबसूरती बढ़ा देते हैं. पहाड़ों से घिरा यह मंदिर मसूरी जाते हुए पर्यटकों को रुककर दर्शन करने पर मजबूर कर देता है.
पर्यटकों को आकर्षित करता शिव मंदिर
वडोदरा गुजरात से देहरादून घूमने आईं मित्तल पटेल बताती हैं कि हम परिवार के साथ मसूरी घूमने जा रहे थे, तो इस सुंदर मंदिर को देखा तो यह बहुत अच्छा लगा और हमने यूट्यूब पर भी इसके बारे में बहुत सुना था, इसीलिए हम दर्शन करने के लिए रुक गए. उन्होंने बताया कि वह हरिद्वार और ऋषिकेश के कई मंदिरों में दर्शन करके आए, लेकिन यह पहला ऐसा मंदिर है, जहां दान दक्षिणा देने की मनाही है. वहीं राम जन्मभूमि अयोध्या से देहरादून घूमने आए राघवेंद्र बताते हैं कि वह अपनी टीम के साथ मसूरी घूमने जा रहे थे, तो इस मंदिर का स्ट्रक्चर देख हम यहीं रुक गए और दर्शन करने आ गए. उन्हें यहां का माहौल और प्रकृति की सुंदरता देखकर बहुत अच्छा लग रहा है.
आप भी श्री प्रकाशेश्वर महादेव मंदिर के कर सकते हैं दर्शन
अगर आप भी श्री प्रकाशेश्वर महादेव मंदिर के दर्शन करना चाहते हैं, तो आप घण्टाघर से राजपुर रोड पर चलते रहें, जहां 10 किलोमीटर दूर मसूरी रोड पर यह मंदिर स्थित है.
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FIRST PUBLISHED : March 12, 2024, 16:06 IST