बेहतर वायु गुणवत्ता से आत्महत्या की घटनाओं में आती है कमी , चीन में हुए अध्ययन में किया गया दावा

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अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि वायु प्रदूषण जैसे मुद्दों को अकसर एक शारीरिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में देखा जाता है जो अस्थमा, हृदय रोग और फेफड़ों के कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बनता है। अनुसंधान टीम ने पूर्व में भारत में आत्महत्या की दर पर तापमान के प्रभाव का अध्ययन किया था जिसमें पाया गया कि अत्यधिक गर्मी ऐसी घटनाओं को बढ़ाती है।

नयी दिल्ली। चीन में किए गए एक अध्ययन से यह बात सामने आयी है कि वायु प्रदूषण का स्तर कम होने से आत्महत्या की दर में कमी आ सकती है। कैलिफ़ोर्निया विश्वविद्यालय, सांता बारबरा के अनुसंधानकर्ताओं का अनुमान है कि वायु प्रदूषण को कम करने के चीन के प्रयासों ने केवल पाँच वर्षों में देश में आत्महत्या के कारण होने वाली 46,000 मौतों को रोका है। अध्ययन रिपोर्ट ‘नेचर सस्टेनेबिलिटी’ पत्रिका में प्रकाशित हुई है। इसमें कहा गया है कि वायु गुणवत्ता मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारकों में शामिल है। 

अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि वायु प्रदूषण जैसे मुद्दों को अकसर एक शारीरिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में देखा जाता है जो अस्थमा, हृदय रोग और फेफड़ों के कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बनता है। अनुसंधान टीम ने पूर्व में भारत में आत्महत्या की दर पर तापमान के प्रभाव का अध्ययन किया था जिसमें पाया गया कि अत्यधिक गर्मी ऐसी घटनाओं को बढ़ाती है। टीम इस तथ्य को जानने को लेकर उत्सुक थी कि चीन में आत्महत्या की दर दुनिया के बाकी हिस्सों की तुलना में कहीं अधिक तेजी से कम हुई है। अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि साल 2000 में देश की प्रति व्यक्ति आत्महत्या दर वैश्विक औसत से अधिक थी लेकिन दो दशक बाद यह उस औसत से नीचे आ गई है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।



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