बेसहारा बच्चों के लिए वरदान है ये आश्रम, संस्कार के साथ फ्री में दी जाती है…

दीपक कुमार/बांका: बिहार के बांका जिला में प्रज्ञा केन्द्र नाम का एक आश्रम अनाथ और कमजोर बच्चों के लिए बड़ा सहारा बना हुआ है. यह आश्रम बच्चों को मुफ्त शिक्षा, भोजन और आवास प्रदान करता है. आश्रम बांका जिला के धोरैया प्रखंड स्थित पैर पहाड़ी में 13 बीघा क्षेत्र में फैला हुआ है. यह 2008 से संचालित हो रहा है और पिछले कई साल से बेसहारा बच्चों की जिंदगी संवारने का काम कर रहा है.

आश्रम के संचालक विभाष कुमार ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि यहां अनाथ और आर्थिक तंगी से जूझने वाले बच्चे पढ़ाई करते हैं. उन्हें गुरुकुल पद्धति से शिक्षा दी जाती है और स्थानीय लोगों की मदद से आश्रम का संचालन होता है. आश्रम में गौ पालन, सब्जी की खेती और बागवानी भी की जाती है. आम के पेड़ों से होने वाली आमदनी से बच्चों की पढ़ाई, भोजन और आवास का खर्च पूरा किया जाता है. सामाजिक सरोकार से जुड़े लोग भी आश्रम की मदद करते हैं.

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बच्चों के लिए है वरदान
बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ कर्मकांड, योग, संगीत, तबला वादन और अच्छे संस्कार भी सिखाए जाते हैं. आश्रम गायत्री शक्तिपीठ हरिद्वार द्वारा संचालित होता है और लोग अपनी इच्छा से चावल अंशदान के रूप में देते हैं. आचार्य और बच्चे पूजा-पाठ, श्रद्धा कर्म और भागवत गीता पाठ में हिस्सा लेते हैं. इससे भी आश्रम को आमदनी होती है और खर्च का बोझ कम होता है. कई लोग बच्चों को पढ़ाने के लिए अपना समय दान करते हैं. यहां सभी बच्चों को समान रूप से देखा जाता है. भेदभाव की कोई गुंजाइश नहीं है. बच्चे पढ़ाई के साथ गौ सेवा और खेती में भी हाथ बंटाते हैं. प्रज्ञा केन्द्र बांका जिला का एकमात्र आश्रम है जो बच्चों को गोद लेकर उनकी शिक्षा, भोजन और आवास की व्यवस्था करता है. यह आश्रम उन बच्चों के लिए एक वरदान है जो अपने जीवन में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं.

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