सांकेतिक तस्वीर
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मथुरा के गोवर्धन थाना क्षेत्र के राधाकुंड से लापता 38 वर्षीय नारायण का शव कंकाल के रूप में राजस्थान के कामां (डीग) की पहाड़ियों में मिलने का दावा करने वाली पुलिस की कहानी पर हैदराबाद स्थित केंद्रीय विधि विज्ञान प्रयोशाला की रिपोर्ट ने मुहर लगा दी है। पुलिस ने मामले में कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है।
एसपी देहात त्रिगुण बिसेन ने बताया कि नारायण निवासी जोशी मोहल्ला, राधाकुंड, गोवर्धन को उसकी पत्नी चंद्रवती देवी 18 अगस्त को दवा दिलाने के बहाने कामां लेकर गई थी। वहां उसने अपने मोहल्ले के ही नवल सिंह उर्फ गुड्डन, जो कि चंद्रवती का प्रेमी है। उसके व नवल के साढू के बेटे नारायण सिंह निवासी सुंदरा, जनूथर, डींग के साथ मिलकर नारायण की गमछे से गला घोंटकर हत्या कर दी थी। शव को कामां की पहाड़ियों से जंगल में फेंक दिया था। पूर्व की साजिश के तहत 21 अगस्त 2023 को थाने में पति की गुमशुदगी भी दर्ज कराई, जिससे की कोई उस पर शक न करे। पांच दिसंबर को पुलिस ने कामां की पहाड़ियों में से कंकाल बरामद करते हुए वारदात का खुलासा किया था।
कंकाल का हुआ डीएनए
एसपी देहात त्रिगुण बिसेन ने बताया कि नारायण की गला दबाकर हत्या के बाद शव को करीब 80 फुट ऊंची पहाड़ी से नीचे फेंका गया था। शव को जंगली जानवरों ने नोच खाया था। अभियुक्तों की निशानदेही पर कंकाल मिला है। कंकाल का डीएनए परीक्षण कराया गया। मृतक के बेटे से डीएनए का मिलान हुआ। तीनों आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है। कोर्ट में डीएनए रिपोर्ट भी पेश की जाएगी।