बेमौसम बारिश में सरसों को फायदा तो इन फसलों को नुकसान, कृषि वैज्ञानिक की सलाह से बनेंगे काम

ओम प्रकाश निरंजन/कोडरमा: हाल के दिनों में झारखंड के मौसम में बदलाव एवं बारिश ने किसानों की चिंताएं बढ़ा दी हैं. खासकर अपनी फसल शुरू करने वाले किसान ज्यादा परेशान हैं. ऐसे में कृषि विज्ञान केंद्र कोडरमा के कृषि विशेषज्ञ डॉ. भूपेंद्र ने महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की हैं. कृषि विशेषज्ञ ने बताया कि इस बेमौसम बारिश से कुछ फसलों को फायदा तो कुछ को नुकसान भी हुआ है.

विशेषज्ञ ने बताया कि अभी जिले में किसानों ने बड़े पैमाने पर सरसों की फसल लगाई है, जिसमें फूल और फली भी आनी शुरू हो गई है. बारिश की वजह से सरसों की फसल में लगने वाले माहू कीट बारिश में धुल गए होंगे या गिर गए होंगे. बारिश से सरसों की फसल में नमी मिलेगी, जिससे उसके फूल और फली के विकास में वृद्धि होगा. ऐसे में सरसों की फसल के लिए बारिश फायदेमंद है.

माहू कीट से फसल को नुकसान, ऐसे करें बचाव
कृषि विशेषज्ञ ने बताया कि यदि अब भी फसल में माहू कीट लगे हैं तो किसानों को इमेलाक्लोरोपेटिक दवा 2 एमएल एक लीटर पानी में घोल बनाकर फसल पर इसका छिड़काव करना चाहिए. इससे माहू कीट से छुटकारा मिलेगा. बताया कि फसल पर लगने वाले माहू कीट फूलों के रस को चूस लेते हैं, जिससे किसानों को 40 से 50% तक नुकसान होता है.

सब्जियों को नुकसान, ऐसे करें बचाव
विशेषज्ञ ने बताया कि गेहूं और विभिन्न प्रकार की सब्जियों की खेती करने वाले किसानों को इस बेमौसम बारिश से फायदा होगा. बताया कि मौसम में कभी धूप और बारिश की वजह से हो रहे बदलाव से फसलों में बीमारी फैलने की आशंका बढ़ जाती है. ऐसे मौसम में सब्जियों में फफूंद लगने के मामले सामने आते हैं. इससे राहत पाने के लिए किसानों को रेडोमिल दवा का छिड़काव करना चाहिए. इस दवा का छिड़काव सप्ताह में एक दिन करना चाहिए. दो सप्ताह लगातार दवा का छिड़काव करने से सब्जियों में लगने वाले फफूंद की बीमारी से किसानों को पूरी तरह से छुटकारा मिल जाएगा.

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