बेटे ने छोड़ा था घर, अब लौटी खुशियां, मां बोली- भगवान ने मेरी सुन ली

मुंगेर. बिहार के मुंगेर में 14 साल पहले पिता के डांट से गुस्सा हो घर से भागा बेटा सालों बाद वापस लौट. सालों बाद बेटे का चेहरा देख परिवार में खुशियां आ गई. वापस आए बेटे ने कहा कि दो महीने से उसके मन में अपने परिवार से मिलने की इच्छा हो रही थी. इसके बाद उसने घर वापस लौटने का मन बनाया. तो वहीं परिवार वालों ने कहा कि आखिर भगवान ने उनकी सुन ही ली. बेटे को वापस पाकर परिवार का हर सदस्य अब काफी खुश है.

आपका कोई खोया हुआ अनमोल सामान अगर अचानक मिल जाए तो खुशी का ठिकाना नहीं रहता. कुछ ऐसा ही मामला मुंगेर से सामने आया है. यहां 14 साल पहले घर छोड़कर चला गया बेटा अचानक वापस लौट आया. बेटे को देख परिवार में खुशी का क्या माहौल था, इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता.

पिता की बात से नाराज होकर चला गया था बेटा

मुंगेर कोतवाली थाना क्षेत्र के तोपखाना बाजार इलाके में सत्य नारायण यादव रहते हैं. दरअसल सत्यनारायण यादव नगर भवन के पास अपनी चाय की दुकान चलाकर अपने परिवार का भरण पोषण करते है. आज से 14 साल पहले 2009 में सत्य नारायण ने अपने चार बच्चो में से सबसे छोटा बेटा धीरज को किसी बात को लेकर डांट फटकार लगा दिया था. इसके बाद धीरज उस डांट से इतना गुस्सा हुआ की वह घर छोड़ के चला गया. बेटे के घर से जाने के बाद परिनाजों ने उसे मुंगेर से ले कर दिल्ली तक खोजा, पर वह कहीं भी नही मिला. फिर अचानक एक दिन पहले वह सुबह-सुबह घर पहुंच और परिवार वालों को अपना परिचय दिया की वह उनका बेटा है जो 14 साल पहले घर छोड़ भाग गया था.

परिवार वालों को तो पहले अपने आंखों पर विश्वास नहीं हुआ वह उसका बेटा है,  क्योंकि जब वह घर छोड़ गया था तो वह काफी छोटा था, पर वापस आया तो वह जवान हो चुका था. इसके बाद धीरज ने पुरानी सारी बातों को घर वालों को बताया जिसके बाद परिवार वालों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा कि उसका बेटा सचमुच घर वापस लौट आया. फिर मां ने बेटे को गले लगा खूब रोया, तो पिता के बुढ़ापे का सहारा के लौट आने से वहा काफी खुश दिखे. धीरज ने बताया कि पिता की डांट के बाद वह घर से भागकर सबसे पहले दिल्ली चला गया था. जहां सात दिन भूखे रहने के बाद उसे काम मिला. इसके कुछ दिन के बाद वह मेरठ चला गया. फिर हरियाणा, पंजाब और वर्तमान में जम्मू काश्मीर के कटरा में मजदूरी का काम करता रहा. 6 महीने पहले अचानक उसकी तबियत खराब हो गई. उसकी सेवा करने वाला कोई नहीं था. फिर उसे घर की याद सताने लगी. अब वब अपने परिवार के पास घर लौट आया है. धीरज के मां और बहन ने बताया कि आज उसके दिल का टुकड़ा वापस आ गया, जिससे वे बहुत ही ज्यादा खुश हैं. बहन ने कहा कि हर साल रक्षाबंधन में अपने भाई को याद कर रो पड़ती थी. यही आस लगा वह हर साल एक राखी अपने खोए भाई के नाम भगवान को चढ़ा दिया करती थी. उसे यकीन था कि उसका भाई लौटेगा. मां ने कहा कि चंडी मैया ने उसकी सुन ली और उनका खोया बेटा उन्हें मिल गया है. अब वो अपने बेटे को कहीं भी नहीं जाने देगी.

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FIRST PUBLISHED : December 28, 2023, 16:23 IST

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