बेटी के लिए बिलखता रहा पिता, पत्‍थर दिल बनी रही एयरलाइन, दांव पर लगा करियर

Air India: एक पिता अपनी बेटी के करियर की खातिर दस दिनों तक एयरलाइंस के सामने दस दिनों तक बिलखता रहा, लेकिन पत्‍थर दिल हो चुके एयरलाइन के कर्मचारी बार-बार झूठा आश्‍वासन देकर उनकी मजबूरी का मजाक बनाते रहे. आखिर में मजबूर होकर एक पिता ने नागर उड्डयन मंत्री ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया और टाटा के प्रमुख रतन टाटा के दरबार में अपने X एकाउंट के जरिए फरियाद लगा डाली. इस फरियाद के बाद नवज्‍योति को उनकी बेटी का सामान तो मिल गया, लेकिन तब तक वह टूर्नामेंट खत्‍म हो गया, जिसमें शामिल होने के लिए दोनों दम्‍मम से दिल्‍ली आए थे. 

यह पूरा मामला दम्‍मम के नवज्‍योति वैश्‍य और उनकी टेनिस प्‍लेयर बेटी सान्‍वी (काल्‍पनिक नाम) से जुड़ा हुआ है. दरअसल, सान्‍वी को सोनीपत में आयोजित होने वाले एआईटीए टेनिस टूर्नामेंट में शामिल होना था. इस टूर्नामेंट में शामिल होने के लिए सान्‍वी अपनी मां के साथ एयर इंडिया की फ्लाइट AI-914 से आईजीआई एयरपोर्ट के लिए रवाना हुई थी. 28 जनवरी को दोनों दम्‍मम से दिल्‍ली तो पहुंच गए, लेकिन उनका बैगेज नहीं आया. इस बैगेज में सान्‍वी का टेनिस किट भी शामिल था. सान्‍वी की मां ने जब एयरलाइन कर्मियों से इस बाबत बात की तो उन्‍होंने बैगेज जल्‍द सोनीपत पहुंचाने का वादा किया. 

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एयरलाइंस ने दम्‍मम में छोड़ा सामान, बर्बाद के कगार पर आई यात्रा
वहीं, इस बीच परेशान सान्‍वी ने अपने पिता को फोन कर दिल्‍ली एयरपोर्ट पर हुए पूरे वाकिए से अवगत करा दिया. एयरलाइंस से आश्‍वसन मिलने के बाद मां-बेटी सोनिपत निकल गए और अपने बैगेज का इंतजार करने लगे. एयरलाइन द्वारा दिया गया समय भी बीत गया, लेकिन सामान नहीं आया. जिसके बाद परेशान होकर 28 जनवरी की सुबह करीब 11:45 बजे सान्‍वी के पिता ने एयरलाइन को पहला मैसेज किया. इस मैसेज में उन्‍होंने बतयाा कि एयर इंडिया की फ्लाइट एआई 914 का सामान दम्मम में छूट जाने की वजह से उनकी बेटी सोनीपत में आयोजित हो रहे टेनिस टूर्नामेंट में भाग नहीं ले पा रही है. 

उन्‍होंने गुहार लगाते हुए एयरलाइन को लिखा कि कृपया आज रात तक उनकी पत्‍नी और बेटी का सामान सोनीपत पहुंचाने में मदद करें. ऐसा नहीं होने पर उनकी पत्‍नी और बेटी की यात्रा बर्बाद हो जाएगी. वहीं, इस मैसेज का जवाब देते हुए एयरलाइंस ने लिखा कि आपको हुई असुविधा के लिए हमें खेद है. बैगेज का पता लगाने के लिए कृपया आप अपना, मोबाइल नंबर, बैग टैग नंबर और पीआईआर कॉपी जल्‍द से जल्‍द उपलब्‍ध करा दें. एयरलाइंस ने जैसा कहा, नवज्‍योति ने वैसा करते हुए एयरलाइंस को सभी जानकारी उपलब्‍ध करा दी. इसके बाद, उन्‍हें भरोसा हो गया कि समय रहते सान्‍वी को उसका सामान मिल जाएगा. 

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पिता की जद्दोजहद के बाद गल्‍फ एयर से दिल्‍ली भेजा गया सामान
अब कैलेंडर में तारीब बदलकर 28 जनवरी से 29 जनवरी हो चुकी थी. वहीं, एयरलाइन को जानकारी भेजे हुए भी 24 घंटे से अधिक का समय बीत चुका था, लेकिन सान्‍वी का सामान अभी तक सोनीपत नहीं पहुंचा था. जिसके बाद सान्‍वी के पिता ने पीआईआर में दिए गए मोबाइल नंबर पर कॉल करना शुरू किया. दूसरी तरफ लगातार घंटी बजती रही, लेकिन किसी ने कॉल पिक नहीं किया. चारों तरफ से निराश हो चुके नवज्‍योति को जब कुछ नहीं सूझा तो वह सीधे दम्‍मम एयरपोर्ट पहुंच गए. गनीमत रहीं कि दम्‍मम एयरपोर्ट पर उनकी सुनी गई और सान्‍वी का सामान गल्‍फ एयर की फ्लाइट GF130 से दिल्‍ली एयरपोर्ट के लिए रवाना कर दिया गया. 

अब सामान दम्‍मम से दिल्‍ली तक तो पहुंच चुका था, लेकिन वह अभी तक उनकी पत्‍नी और बेटी तक नहीं पहुंचा था. इसके बाद, नवज्‍योति ने पीआईआर पर दिए मोबाइल नंबर पर एक बार फिर संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन एक बार भी किसी ने फोन नहीं उठाया. आखिर में परेशान होकर उन्‍होंने एयरलाइंस को मैसेज के जरिए सूचित किया कि गल्फ एयर की फ्लाइट से सामान दिल्ली पहुंच चुका है, कृपया सामान को जल्‍द से जल्‍द डिलीवर करा दें. टेनिस किट नहीं होने की वजह से उनकी बेटी टूर्नामेंट में हिस्‍सा नहीं ले पा रही है. इस मैसेज का जवाब आया, लेकिन वह जवाब सिर्फ एक खाना पूर्ति की तरह ही था. 

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सब कुछ खत्‍म होने के बाद मिला सान्‍वी को उसका बैगेज
देखते ही देखते एक दिन और बीत गया. अब तक सान्‍वी के पिता पूरी तरह से टूट चुके थे. जब किसी तरफ से मदद की कोई उम्‍मीद नहीं दिखी, तब उन्‍होंने इस बाबत नागर उड्डयन मंत्री ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया, डीजीसीए, एयर इंडिया, रतन टाटा और टाटा कंपनीज को भी टैग करते हुए X एकाउंट से मैसेज कर दिया. इस मैसेज के बाद नवज्‍योति को उनका बैगेज तो मिला, लेकिन अब तक सान्‍वी बहुत कुछ खो चुकी थी. 10 फरवरी को इस बाबत सान्‍वी के पिता ने अपने X एकाउंट पर एक और मैसेज किया, जिसमें उन्‍होंने बताया कि अगली रात उनकी बेटी को उसका सामान मिल गया था.

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