बेजुबानों का सहारा ‘स्ट्रीट डॉग्स ऑफ अल्मोड़ा’, आवारा कुत्तों को खाना खिलाने से लेकर इलाज तक की जिम्मेदारी

रोहित भट्ट/ अल्मोड़ा. बेजुबान जानवरों को हर कोई नहीं समझ पाता है, पर जो समझ जाते हैं वे उनके प्रति समर्पित हो जाते हैं. उत्तराखंड के अल्मोड़ा में एक ऐसा ग्रुप है, जो आवारा कुत्तों को सुबह और शाम खाना देने के साथ उनकी देखभाल करता है. इन्होंने ‘स्ट्रीट डॉग्स ऑफ अल्मोड़ा’ नाम से ग्रुप बनाया है. समूह के सदस्यों ने बताया कि वह पिछले 8 साल से अल्मोड़ा में अलग-अलग जगहों पर आवारा कुत्तों की सेवा कर रहे हैं. कुत्तों के लिए भोजन, इलाज आदि की व्यवस्था करते हैं. वे अभी तक लगभग 92 कुत्तों का ऑपरेशन करा चुके हैं.

अगर आप अल्मोड़ा के रहने वाले हैं, तो आपने इस ग्रुप के सदस्यों को जरूर कुत्तों की सेवा करते हुए देखा होगा. स्ट्रीट डॉग्स ऑफ अल्मोड़ा ग्रुप में 6 सदस्य हैं. अल्मोड़ा के बेस, चौघानपाटा, थाना बाजार, कैंट एरिया, कॉलेज और विभिन्न जगहों के आवारा कुत्तों को ये लोग अपनी तरफ से सुबह और शाम दूध, रोटी, चावल और रेडी टू ईट फूड आदि देते हैं. वे अभी तक लगभग 92 कुत्तों की नसबंदी, ट्यूमर, चेरी आई समेत अन्य बीमारियों का ऑपरेशन करा चुके हैं.

रोजाना 75 कुत्तों को खिलाते हैं खाना

ग्रुप मेंबर कनिका चौहान ने बताया कि वह स्ट्रीट डॉग्स ऑफ अल्मोड़ा के नाम से यह काम कर रहे हैं. वे रोजाना 75 कुत्तों को खाना देते हैं, जिसमें से कॉलेज गेट के पास सुबह और शाम खाना दिया जाता है और बाकी जगह जब भी समय मिल पाता है, तब उनको दिया जाता है. खाने में दाल, रोटी, चावल, दूध और पेडिग्री आदि दी जाती है. कनिका ने बताया कि जो भी वे कर पाते हैं, वह लोगों की मदद से कर पा रहे हैं. उन्होंने बताया कि अगर कोई उनसे जुड़ना चाहता है, तो वह फील्ड में आकर मदद कर सकते हैं.

लोग टोकते हैं फिर भी…

ग्रुप की सदस्य भावना नेगी ने बताया कि वे सभी लगातार कुत्तों की फीडिंग करते हैं, पर कई बार लोगों द्वारा उन्हें टोका जाता है. वे कहते हैं कि आप इन कुत्तों को खाना न दें या फिर इलाज आदि न करें. लोगों को समझाने के साथ-साथ उनकी टीम कुत्तों को भोजन देने और उनके ट्रीटमेंट पर ध्यान देती है.

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