बेगूसराय सीट को लेकर मची खींचातान! बीजेपी, कांग्रेस या वामपंथ कौन बनेगा सरताज

लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल बज चुका है. चुनावी तारीखों की घोषणा हो चुकी है और राजनीतिक पार्टियां लगातार अपने पत्ते खोल रही हैं. इन सब के बाद भी देश की राजनीति में अहम भूमिका निभाने वाले राज्य बिहार में अभी भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है. किसी भी राजनीति दल ने यहां अभी तक अपनी तस्वीर साफ नहीं की है. एनडीए और महागठबंधन ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं. महागठबंधन के कांग्रेस कन्हैया कुमार को लेकर दावेदारी कर रही है, जबकि आरजेडी अपनी गोटी फिट करना चाहती है. उधर, एनडीए में भी स्वर उभर रहे हैं कि इस सीट पर बीजेपी अपना उम्मीदवार खड़ा करे.

यहां हम बिहार की चर्चित सीट बेगूसराय लोकसभा सीट के बारे में चर्चा कर रहे हैं. बेगूसराय से इस समय भारतीय जनता पार्टी के गिरिराज सिंह सांसद हैं और केंद्रीय मंत्री भी हैं. बिहार में बीजेपी ने नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यू) के साथ गठबंधन किया है. लेकिन सीटों के बंटवारे को लेकर अभी कोई स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है. गिरिराज सिंह से पहले भी यह सीट बीजेपी के खाते में थी. 2014 में यहां से भाजपा के डॉ. भोला सिंह सांसद थे. लेकिन इनसे पहले यानी 2004 और 2009 में बेगूसराय पर जनता दल-यू का कब्जा था. यानी लंबे समय से इस सीट पर बीजेपी और जेडीयू का प्रभुत्व रहा है. गठबंधन में यह सीट भले ही किसी की झोली में गिरे लेकिन आंकड़े और इतिहास इसे एनडीए के पक्ष में ही बता रहे हैं.

बेगूसराय लोकसभा क्षेत्र में 7 विधानसभा सीट आती हैं. इनमें चेरिया बरियारपुर, बछवाड़ा, तेघड़ा, मटिहानी, साहेबपुर कमाल, बेगूसराय और बखरी विधानसभा सीट शामिल हैं.

इस सीट पर कांग्रेस और सीपीआई भी आंख गड़ाए बैठे हैं. क्योंकि 2019 के चुनाव में भले ही जीत बीजेपी को मिली हो, लेकिन वामपंथ की स्थिति भी मजबूत हुई थी. जेएनयू की राजनीति से चर्चा में आए कन्हैया कुमार ने पिछला चुनाव यहीं से सीपीआई के टिकट पर लड़ा था और दूसरे स्थान पर आए. गिरिराज सिंह को 6.92 वोट मिले थे और कन्हैया कुमार को 2.69 लाख. वहीं लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल- आरजेडी के तनवीर हसन को 1.98 वोट लेकर तीसरे स्थान पर ही संतुष्ट होना पड़ा था. अब कन्हैया कुमार सीपीआई छोड़कर कांग्रेस का हाथ थाम चुके हैं. पिछले चुनाव में कन्हैया कुमार को जो वोट मिले थे वे खुद के थे या सीपीआई कैडर के थे, इसे जानने का मौका इस चुनाव में है.

इन राज्यों में 7 दिन में डाले जाएंगे वोट, डेढ़ महीने चलेगा चुनावी मेला, जानें आपके यहां कब होगा मतदान

बेगूसराय को वामपंथ का गढ़ भी माना जाता है. बेगूसराय को मिनी मॉस्को भी कहा जाता है. यहां वामपंथी विचारधारा को अच्छा समर्थन मिला है. बैंती, बलान, गंगा और गंडक नदी के सिंचाई वाला यह इलाके में राजनीतिक हलकों ने भी अलग-अलग विचार धारा की फसलों को खूब काटा है. वैसे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी को यहां से केवल एक बार जीत मिली है. 1967 में सीपीआई के योगेंद्र शर्मा जीते थे. उसके बाद से पिछले चुनावों में कन्हैया कुमार अंतिम सांस लेती सीपीआई को संजीवनी बूटी देने का काम किया था. बेगूसराय ने हर दल को अपना खूब समर्थन दिया है. गिरिराज सिंह भोला सिंह के निधन के बाद नवादा छोड़कर यहां आए थे. यहां की जनता ने गिरिराज सिंह को भी आंखों पर बिठाया.

एनडीए के अलावा यहां से महागठबंधन ने भी अभी कोई पत्ता नहीं खोला है. यह सीट कांग्रेस के हिस्से में आएगी या लालू के खाते में. इसलिए तमाम दलों के कई-कई नेता ताल ठोंक रहे हैं. बीजेपी से यहां पर गिरिराज सिंह और राकेश सिन्हा आस लगाए बैठे हैं. कांग्रेस से कन्हैया कुमार और अमिता भूषण हुंकार भर रही हैं. राजद से राजवंशी महेता, अशफाक करीम और तनवीर हसन सपने संजोये हुए हैं. आरजेडी की तरफ राजदीप कुमार उर्फ मुकुल सरदार का नाम भी प्रमुखता से समाने आ रहे हैं. अब किस-किस पार्टी का किस प्रकार गठबंधन होता है, उसी हिसाब से प्रत्याशियों की घोषणा होगी. लेकिन जानकार बताते हैं यहां कि जनता नरेंद्र मोदी के साथ है. मोदी समर्थित उम्मीदवार को फिर से समर्थन दिया जाएगा. उधर कांग्रेस बिहार में 11 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है. इनमें एक बेगूसराय भी है.

जातिगत नजरिये से देखा जाए तो यह इलाका भूमिहार बाहुल्य है. वैसे यहां सभी जातियों की तादाद भरी-पूरी है. लेकिन सत्ता की दशा और दिशा तय करने में भूमिहारों की अहम भूमिका होती है.

Tags: 2024 Lok Sabha Elections, Begusarai news, Bihar BJP, Bihar News, Congress, Loksabha Election 2024, Loksabha Elections

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *