मेट्रो का रूट बेंगलुरु के दक्षिणी हिस्से को शहर के टेक हब से जोड़ेगा, जहां इन्फोसिस, टाटा कंसल्टेंसी और विप्रो जैसी कई बड़ी कंपनियों के ऑफिस हैं। इस लाइन की शुरुआत होने के बाद होसर रोड पर लगने वाले भीषण जाम से राहत मिलने की भी उम्मीद है। पूरी तरह से इलीवेटेड इस रूट पर कुल 16 स्टेशन होंगे।
बेंगलुरु मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड को 6 ट्रेन कोच का पहला सेट मिल चुका है। ये सेट कम्युनिकेशन आधारित ट्रेन कंट्रोल सिस्टम का हिस्सा है। इसे यहां के मेट्रो नेटवर्क की येलो लाइन पर चलाया जाएगा जिसका निर्माण अभी किया जा रहा है। अब इसकी सुरक्षा से जुड़े टेस्ट किए जा रहे हैं।
वहीं 18.8 किलोमीटर लंबी येलो लाइन आरवी रोड और बोम्मासांद्रा को जोड़ेगी और किसी पर पहली ऐसी मेट्रो चलेगी जिसमें ड्राइवर नहीं होगा। रिपोर्ट्स के अनुसार इसके संचालन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद ली जाएगी।
इसे मेट्रो का रूट बेंगलुरु के दक्षिणी हिस्से को शहर के टेक हब से जोड़ेगा, जहां इन्फोसिस, टाटा कंसल्टेंसी और विप्रो जैसी कई बड़ी कंपनियों के ऑफिस हैं। इस लाइन की शुरुआत होने के बाद होसर रोड पर लगने वाले भीषण जाम से राहत मिलने की भी उम्मीद है। पूरी तरह से इलीवेटेड इस रूट पर कुल 16 स्टेशन होंगे। ये लाइन बेंगलुरु मेट्रो की ग्रीन लाइन को पिंक लाइन से जोड़ेगी। इस रिपोर्ट में जानिए ये नई मेट्रो ट्रेन कैसी है, किस तरह पहली बारर इसमें एआई का इस्तेमाल किया जाएगा और कब से इसमें यात्री सफर कर सकेंगे।
इस मेट्रो को सीबीटीसी टेक्नोलॉजी से लैस किया गया है। भारतीय रेलवे की हैंडबुक के अनुसार ये टेक्नोलॉजी एक आधुनिक कम्युनिकेशन बेस्ड सिस्टम है जो ट्रेन की कंट्रोल इनफॉर्मेशन को सही तरीके से और सही समय पर ट्रांसफर करने के लिए रेडियो कम्युनिकेशन का इस्तेमाल करता है।
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