बुढ़ापे का बनी सहारा, मां के लिए निभाया आखिरी फर्ज, पढ़ें इस बेटी की कहानी

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स्थानीय लोगों का कहना है कि किसी व्यक्ति की मौत हो जाने पर उसको मुखाग्नि मृतक का बेटा, भाई, भतीजा, पति या पिता ही दे सकता है. समाज मानता है कि किसी नारी को मुखाग्नि देने का अधिकार नहीं दिया गया है, लेकिन अब मान्यताएं बदल रही है.

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