बुंदेलखंड का ये जिला बनेगा हर्बल एग्रीकल्चर का हब ! जानें क्या है सरकार की योजना ?

शाश्वत सिंह/झांसी. उत्तर प्रदेश का बुंदेलखंड पानी की समस्या के लिए पूरे देश में बहुत मशहूर था. दरअसल, कम बारिश होने की वजह से फसलों की उत्पादन क्षमता बेहद कम थी, जिसके चलते यहां के किसानों की आर्थिक स्तिथि काफी खराब थी. इसी के मद्देनजर अब सरकार ने बुंदेलखंड के झांसी को हर्बल एग्रीकल्चर के हब के रूप में विकसित करने का फैसला किया है. इसके तहत झांसी के 19 गांवों का चयन किया गया है.

झांसी के 19 गांवों को हर्बल एग्रीकल्चर का हब बनाए जाने की योजना है. इन सभी गांवों में कुल 3800 एकड़ जमीन पर हर्बल पौधों की खेती होगी. किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए उद्यान विभाग ने यह कवायद शुरू कर दी है. यहां किसानों द्वारा जो उपज पैदा की जाएगी वह सीधा आयुर्वेदिक कंपनियां खरीदेंगी. इसके लिए आयुर्वेदिक कंपनियां से बात कर ली गई है.

तुलसी की खेती रही सफल
हर्बल हब बनाने के लिए झांसी के बंगरा और गुरसराय ब्लॉक के 19 गांवों को चयनित किया गया है. पायलट प्रोजेक्ट के तहत इस काम को किया जा रहा है. पहले यहां तुलसी की खेती करवाई गई थी जो काफी सफल रही. अब यहां तुलसी समेत अश्वगंधा, सतावर, लेमनग्रास, केमामाइन का उत्पादन किया जाएगा. आज के समय में आयुर्वेदिक कंपनियां में अश्वगंधा और लेमनग्रास जैसे हर्बल पौधों की काफी मांग है. कंपनियां उनके लिए मुंह मांगा पैसा खर्च करने को तैयार है.

पायलट प्रोजेक्ट का प्रयोग रहा सफल
इस पूरी परियोजना के लिए उद्यान विभाग ने अपना प्रस्ताव तैयार करके काम शुरू कर दिया है. उद्यान विभाग के उपनिदेशक विनय कुमार यादव ने बताया कि पूर्व में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर तुलसी उत्पादन का काम शुरू किया गया था. यह काफी सफल रहा है. इसको ध्यान में रखते हुए अब अन्य हर्बल पौधों की खेती को भी बढ़ावा देने की योजना है. इससे किसानों को सीधा फायदा मिलेगा और वह पारंपरिक खेती के अलावा भी चीजों पर ध्यान दे सकते हैं.

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