बीपीएससी में चयनित शिक्षिका स्कूटी चलाने की ले रही ट्रेनिंग,ये है वजह

विशाल कुमार/छपरा:- बीपीएससी से चयनित शिक्षकों की परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है. शिक्षा विभाग के फरमान के बाद शिक्षकों में जल्द स्कूल पहुंचने का एक नया ट्रेंड शुरू हो चुका है. खासकर महिला शिक्षक इसमें ज्यादा दिलचस्पी ले रही हैं. स्कूल जल्द पहुंचने के लिए महिला शिक्षक अब स्कूटी चलाने का प्रशिक्षण ले रही हैं. दरअसल सारण में इन दिनों महिला शिक्षिका स्कूटी सीखने मेंअधिक दिलचस्पी ले रही हैं. प्रशिक्षण लेने में सरकार भी मदद कर रही है. बीपीएससी से चयनित शिक्षिका जलालपुर खेल मैदान में स्कूटी चलाने की ट्रेनिंग ले रही हैं. इन महिला शिक्षिकाओं को सारण मोटर ड्राइविंग स्कूल की ओर से ट्रेनिंग दी जा रही है. यह प्रशिक्षण कार्यक्रम सिर्फ छपरा शहर में हीं नहीं, बल्कि अन्य प्रखंडों के खेल मैदान में भी देखने को मिल रहा है.

स्कूल जाना हो जाएगा आसान
प्रशिक्षण ले रही शिक्षिका प्रीति सिंह ने बताया कि वो पहली बार यहां स्कूटी चलाना सीख रहे हैं. प्रशिक्षण लेने के बाद अब वो स्कूटी से समय पर स्कूल पहुंच सकती हैं. सारण मोटर ड्राइविंग स्कूल का यह सराहनीय कदम है और शिक्षक ट्रेनिंग स्कूल भी इसमें मदद कर रहा है. महिलाओं को स्कूटी चलाने में ट्रेंड करने के लिए सरकार ने भी सराहनीय कदम उठाया है. उन्हें रोजाना दो घंटे की ट्रेनिंग दी जा रही है. आशा है कि जल्द ही ये शिक्षिका स्कूटी चलाना सीख लेंगी. ट्रेनिंग की मॉनिटरिंग कर रहे शिक्षक ने बताया कि प्रतिदिन दो घंटे की ट्रेनिंग दी जा रही है. जिसमें ज्यादातर बंगरा ट्रेनिंग सेंटर की शिक्षिकाएं स्कूटी चलाने की ट्रेनिंग ले रही हैं.

शिक्षिकाओं को दो घंटे की दी जाती है ट्रेनिंग
शिक्षिका प्रीति सिंह ने बताया कि ज्यादातर बंगरा ट्रेनिग सेंटर की शिक्षिकाएं स्कूटी चलाने की ट्रेनिंग ले रही हैं. प्रशिक्षण लेने वाले बैच में स्कूटी के प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है. यह प्रशिक्षण सुबह 6.30 बजे से 8.30 बजे तक दी जाती है. रोजाना समय पर पहुंचकर शिक्षिकाएं ट्रेनिंग ले रही हैं. ट्रेनिंग लेने वाली शिक्षिकाओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. स्कूटी चलाने का प्रशिक्षण लेना प्रत्येक शिक्षिकाओं को आवश्यक है. सुदूर ग्रामीण इलाकों में महिलाओं को नौकरी करनी है और उन्हें बस या अन्य माध्यम से जाने में समय लगता है और कई परेशानी भी उठानी पड़ती है. लेकिन अब वो अपनी स्कूटी से समय पर स्कूल पहुंच सकंगे. इसलिए सभी को प्रशिक्षण लेना बेहद जरूरी है.

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