ग्वालियर. मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को ज़बरदस्त कामयाबी मिली है. लेकिन सवाल ये है कि बीजेपी की लहर में भी आखिर सिंधिया समर्थक और मंत्री क्यों हार गए. जबकि खुद सिंधिया ने इनके लिए जमकर प्रचार किया था. मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को जोरदार कामयाबी हासिल हुई है. ग्वालियर चंबल अंचल में भी बीजेपी का जादू चला. लेकिन खास बात ये है कि सिंधिया समर्थक और कई दिग्गज मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा.
13 में से 7 हारे
इस बार 13 सिंधिया समर्थकों को टिकट मिला था. इनमें से मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, बृजेंद्र यादव, गोविंद सिंह राजपूत प्रभुराम चौधरी, तुलसी सिलावट, मोहन सिंह राठौड़ चुनाव जीते हैं. जबकि सिंधिया समर्थक रघुराज कंसाना, कमलेश जाटव, इमरती देवी, सुरेश धाकड़, महेंद्र सिसोदिया, जसपाल सिंह जज्जी और राजवर्धन दत्तीगांव चुनाव हार गए.
जनता ने नकारा
सिंधिया समर्थक मंत्री विधायकों की हार पर कांग्रेस ने निशाना साधा है. कांग्रेस का दावा है ज्योतिरादित्य सिंधिया जनता में अपनी विश्वसनीय खो चुके हैं यही वजह है कि भाजपा की सरकार बनने के बावजूद सिंधिया समर्थकों को जनता ने नकार दिया है. सिंधिया समर्थकों ने कांग्रेस के साथ छल किया था इसलिए जनता ने उन्हें हराया है.
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हार जीत की समीक्षा
भाजपा प्रदेश कार्य समिति सदस्य कमल माखीजानी का कहना है ज्योतिरादित्य सिंधिया भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेता हैं. उनकी मेहनत से अधिकांश सीटों पर जीत हुई है. सिंधिया समर्थक जो मंत्री, विधायक और पूर्व मंत्री हारे उनके क्षेत्र में जातिगत समीकरण, स्थानीय नाराजगी और परफॉर्मेंस के आधार पर हार-जीत हुई है. इसकी समीक्षा होगी.
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FIRST PUBLISHED : December 4, 2023, 18:56 IST