बीएलएस इंटरनेशनल: एक देश के लिए वीजा प्रोसेसिंग से शुरू हुई कंपनी, अब 46 सरकारों के लिए 66 देशों में 1.5 करोड़ वीजा प्रोसेसिंग

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नई दिल्ली2 घंटे पहलेलेखक: ​​​​​​​​​​​​​​अनिरुद्ध शर्मा

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15 साल पहले दिल्ली के पुर्तगाली दूतावास के लिए सालाना 10 हजार वीजा आवेदनों के दस्तावेज सत्यापन से शुरूआत करने वाली कंपनी बीएलएस इंटरनेशनल आज भारत समेत 46 देशों की सरकारों के लिए 66 देशों में वीजा-पासपोर्ट प्रोसेसिंग सर्विस देने वाली लिस्टेड और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी है।

स्पेन और स्लोवाकिया देशों के लिए सभी देशों में बीएलएस एक्सक्लूसिवली वीजा प्रोसेस की आउटसोर्सिंग करता है। यानी स्पेन या स्लोवाकिया जाने के लिए वीजा चाहने वालों को दुनिया के तमाम देशों में बीएलएस ऑफिस आकर अपने डॉक्यूमेंट व बायोमैट्रिक रिकॉर्ड देने पड़ते हैं। जर्मनी, पुर्तगाल, पोलैंड, इटली जैसे देशों के लिए अलग-अलग देशों में काम करते हैं।

कई देशों के भारतीय दूतावासों के लिए बीएलएस न केवल भारत आने का वीजा प्रोसेसिंग करता है बल्कि यूएई, कनाडा जैसे देशों में पासपोर्ट रिन्यूबल करने के अलावा इंडियन डायस्पोरा के ओसीआई कार्ड भी प्रोसेस करता है। अमेरिका के लिए कनाडा व बोलीविया दूतावासों में वीजा प्रोसेसिंग करती है। बीएसएल इंटरनेशनल के जॉइंट एमडी शिखर अग्रवाल से बातचीत के अंश-

सवाल: बीएलएस इंटरनेशनल ने वीजा पासपोर्ट प्रोसेसिंग का काम कब शुरू किया और आप इससे कब जुड़े?
जवाब:
मैन्युफेक्चरिंग बैकग्राउंड वाले मेरे पिता और कंपनी के चेयरमैन ने 2008 में वीजा पासपोर्ट का काम पुर्तगाल एंबेसी के साथ शुरू किया। उन दिनों दूतावासों के बाहर लोग लंबी कतारों में घंटों खड़े रहते थे। दूतावासों के पास उन्हें संभालने के लिए बुनियादी ढांचा नहीं था और आउटसोर्सिंग के लिए वह निजी कंपनियों से सरकार के साथ काम का अनुभव मांगते थे।
दूतावास में एंट्री पाना ही मुश्किल काम है, फिर किसी से मिलना और कोई काम हासिल करना तो और भी मुश्किल काम है। इसलिए शुरूआती 5-6 वर्षों में कंपनी का फोकस केवल एक-दो सरकारों पर रहा। फिर छोटे छोटे देशों की एंबेसी के साथ काम किया, फिर भारत के विदेश में स्थित दूतावसों के लिए काम किया।

विदेश में पहला ऑफिस कुवैत में खोला और धीरे-धीरे विदेशी दूतावासों में अपनी पेंठ बनाई। मैं 2014 में इस कारोबार से जुड़ा। डीयू से ग्रेजुएशन करने के बाद सीए करने के दौरान मैं ग्रांट थॉर्नटन नामक कंपनी के ऑडिट डिविजन में काम करता था, उस दौरान मुझे लगा कि वीजा प्रोसेसिंग व डॉक्यूमेंटेशन के कारोबार को वैल्यू-एड करके एक अलग मुकाम पर पहुंचाया जा सकता है।

सवाल: आज वाले मुकाम तक पहुंचने के लिए टर्निंग प्वॉइंट क्या रहा?
जवाब:
2015-16 में टर्निंग प्वाइंट तब आया जब स्पेन के लिए ग्लोबल कांट्रेक्ट मिला, उस समय कंपनी एक ही बार में 20 देशों से सीधे 40 देशों में दाखिल हो गई। आज 40 सरकारों के लिए 64 देशों में 50 हजार से ज्यादा कर्मचारी हैं जो सालाना करीब 1.5 करोड़ वीजा आवेदनों की प्रोसेसिंग करते हैं।

गौरव की बात यह है कि बीएलएस को एक भारतीय कंपनी होते हुए भी यूरोप व अमेरिकी देशों में वीएफएस जैसी वीजा प्रोसेसिंग की नंबर-1 कंपनी के मुकाबले काम मिला। उसी साल देश में एक राज्य से ई-सर्विसेज का काम भी मिला।

सवाल: ई-सर्विसेज में किस किस्म की सेवाएं शामिल हैं और इसमें अब तक क्या प्रगति हुई है?
जवाब:
ई-सर्विसेज के तहत हमारी एक अलग कंपनी बीएलएस ई-सर्विसेज बर्थ सर्टिफिकेट, आधार, डीएल, आर्म लाइसेंस और बैंकिंग करस्पोंडेंस सर्विसेज आदि बुनियादी सेवाएं टीयर-2 व टीयर-3 शहरों, कस्बों व गांवों में देती है। बैंकिंग करस्पोंडेंस के काम में आज हम एसबीआई के सबसे बड़े पार्टनर हैं।

आज देश में हमारी 15 हजार ब्रांच हैं जहां हम एसबीआई के लिए पैसे की लेनदेन से जुड़ा हर काम करते हैं। इसके अलावा 15 बैंकों के साथ हमारा करार हो चुका है। आज हमारे सभी सेंटर पर रोजाना 6 से 7 लाख लोग सेवाएं पाने आते हैं। हमने अपनी इस कंपनी को भी स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

सवाल: बीएलएस की ताजा वित्तीय स्थिति क्या है?
जवाब:
चालू वित्त वर्ष में 30 सितंबर, 2023 को खत्म हुई दूसरी तिमाही में कंपनी ने 407.7 करोड़ रुपए का राजस्व हासिल किया है जो पिछले वर्ष इसी तिमाही की तुलना में 14.3 फीसदी ज्यादा है और कामकाजी मुनाफा 86.7 करोड़ रुपए रहा जो 52.7 फीसदी ज्यादा है। एक तिमाही के दौरान यह मुनाफा बीएलएस के इतिहास का सबसे अधिक है।

सवाल: फिलहाल वीजा ट्रेंड क्या है व आगे क्या संभावनाएं नजर आ रही हैं और उसे लेकर बीएलएस इंटरनेशनल की क्या योजनाएं हैं?
जवाब:
कोविड बाद अभी तक वीजा प्रोसेसिंग का काम प्री-कोविड स्तर से 20 फीसदी नीचे ही है। हालांकि कोविड से पहले 2019 की तुलना में हमारा रिवेन्य व प्रोफिट 2023 में दो गुना हो चुका है। तमाम एयरलाइन कंपनियों ने जिस पैमाने पर प्लेन ऑर्डर किए हैं, बिलियंस में निवेश हो रहा है, सब भविष्य के अपने क्षमता विकास में जुटे हैं क्योंकि सब जानते हैं कि इस दिशा में मांग बढ़ रही है।

कोविड के बाद हर कोई चाह रहा है कि वह घूमेफिरे। लोगों की जेब में सेविंग्स है, अब वे उसे खर्च रहे हैं। जाहिर ट्रैवल करने वालों को वीजा चाहिए, इसलिए आने वाले सालों में कारोबार में काफी बढ़त होगी। आने वाले सालों में वीजा व पासपोर्ट प्रोसेसिंग के लिए करीब डेढ़ बिलियन डॉलर (12-15 हजार करोड़ रुपए) के ऐसे टेंडर आने वाले हैं, जिनमें बीएसएल एलिजिबल है, जाहिर है आने वाले दिनों में हमारा मार्केट शेयर बढ़ेगा।

वीजा सर्विसेज में एक-दो रीजनल प्लेयर हैं और ई-सर्विसेज में भी एक-दो प्लेयर हैं जिनमें अपनी पूंजी लगाना चाहते हैं। कंपनी का ख्वाब इस क्षेत्र में दुनिया की नंबर-1 कंपनी बनना है।

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