बीएमआई नहीं बता सकता कि हम स्वस्थ हैं या नहीं, इसके लिए और क्या तरीका इस्तेमाल करना चाहिए

साबुत अनाज, कम वसा वाले प्रोटीन स्रोत जैसे मछली और फलियां, अंडे, दही, पनीर, दूध, नट्स, बीज और भरपूर मात्रा में ताजे फल और सब्जियों से युक्त आहार हमारे हृदय और वाहिका रोग के जोखिम को कम करता है। प्रसंस्कृत भोजन और मीठे नाश्ते के साथ-साथ वसा की मात्रा को सीमित करने से हमें वजन प्रबंधन और आहार संबंधी बीमारियों से बचने में मदद मिल सकती है।

हम जानते हैं कि ‘बॉडी मास इंडेक्स’ (बीएमआई) किसी के वजन और उससे जुड़े स्वास्थ्य के आकलन के लिए उपयुक्त प्रक्रिया नहीं है, लेकिन यह चिकित्सकों, जनसंख्या शोधकर्ताओं और निजी प्रशिक्षकों के लिए यह उपयोगी उपकरण बना हुआ है।
आखिर इस तरह का त्रुटिपूर्ण उपकरण अब भी क्यों उपयोग किया जा रहा है और इसके बजाय हमें क्या उपयोग करना चाहिए? आइए जानते हैं।
सबसे पहले जानते हैं कि बीएमआई क्या है?
बीएमआई लोगों को चार वजन श्रेणियों में वर्गीकृत करने कीएक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त जांच विधि है : कम वजन (बीएमआई 18.5 से कम), सामान्य वजन (18.5 से 24.9), अधिक वजन (25.0 से 29.9) या मोटापा (30 या अधिक)।
किसी के वजन को उसकी लंबाई के वर्ग से विभाजित करके इसका पता लगाया जाता है।

बीएमआई की खोज किसने किया?
बेल्जियम के गणितज्ञ लैम्बर्ट एडोल्फ जैकस क्यूटलेट (1796-1874) ने औसत पश्चिमी यूरोपीय व्यक्ति की शारीरिक विशेषताओं का पता लगाने के लिए 1832 में एक गणितीय मॉडल ‘बीएमआई’ को इजाद किया था।
इसे शुरू में क्यूटलेट इंडेक्स कहा गया और इसे कभी भी चिकित्सकीय आकलन का उपकरण नहीं माना गया। 1972 में क्यूटलेट इंडेक्स को ‘‘बॉडी मास इंडेक्स’’ कहा गया।
बीएमआई में गलत क्या है?
गणितीय सूत्र का उपयोग करके किसी के स्वास्थ्य का पूरा आकलन करना संभव नहीं है।
बीएमआई शरीर की अतिरिक्त चर्बी को नहीं मापता, यह केवल ‘‘अतिरिक्त’’ वजन को मापता है।

यह शरीर की अतिरिक्त वसा या हड्डी द्रव्यमान या मांसलता के बीच अंतर नहीं करता है और वसा के वितरण की व्याख्या नहीं करता है (जो टाइप 2 मधुमेह, चयापचय संबंधी विकार और हृदय रोग सहित स्वास्थ्य का पूर्वसूचक है)।
यह लिंग, आयु और जातीयता जैसे सामाजिक कारकों के बीच भी अंतर नहीं बता सकता है। क्यूटलेट के फॉर्मूला में केवल पश्चिमी यूरोपीय पुरुषों का उपयोग किया गया, इसलिए इसके परिणाम गैर-यूरोपीय जातियों, रजोनिवृत्ति के दौर से गुजर चुकी महिलाओं और गर्भवती महिलाओं सहित कई अन्य समूहों के लिए उपयुक्त नहीं हैं।

बीएमआई पर चिकित्सा पेशे की अत्यधिक निर्भरता मरीजों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती है क्योंकि यह उन चीजों को नजरअंदाज कर देता है जो हमें स्वस्थ बनाती हैं और केवल द्रव्यमान पर ध्यान केंद्रित करती हैं।
इसके बजाय हमें क्या इस्तेमाल करना चाहिए?
किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य का निर्धारण करने के लिए बीएमआई को प्राथमिक निदान परीक्षण के रूप में देखने के बजाय, इसका उपयोग अन्य तरीकों और विचारों के साथ किया जाना चाहिए।
शोधकर्ताओं को पता है कि हमारे महत्वपूर्ण अंगों के आसपास पेट की चर्बी सबसे अधिक स्वास्थ्य जोखिम पैदा करती है, कमर की परिधि, कमर से कूल्हे का अनुपात या कमर से ऊंचाई का अनुपात स्वास्थ्य का अधिक सटीक माप प्रदान करता है।

शरीर की संरचना और शरीर में वसा प्रतिशत की गणना ‘स्किन कैलिपर्स’ के साथ शरीर पर विशिष्ट स्थानों (जैसे पेट, ट्राइसेप्स या क्वाड्रिसेप्स) का आकलन करके स्किनफोल्ड माप परीक्षणों के माध्यम से भी की जा सकती है। ‘स्किनफोल्ड कैलीपर’ शरीर में वसा प्रतिशत की गणना करने में मदद करता है और यह उपकरण प्रमुख अंगेां पर त्वचा की परतों को मापने और शरीर की कुल वसा का काफी सटीक प्रतिनिधित्व हो सकता है।
आप हृदय स्वास्थ्य का आकलन करने के अलावा अपने डॉक्टर से कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप की निगरानी करने के लिए कह सकते हैं। इन अधिक औपचारिक परीक्षणों को जीवनशैली, आहार, शारीरिक गतिविधि और पारिवारिक चिकित्सा इतिहास की समीक्षा के साथ जोड़ा जा सकता है।

वजन के अलावा क्या चीज हमें स्वस्थ बनाती है?
साबुत अनाज, कम वसा वाले प्रोटीन स्रोत जैसे मछली और फलियां, अंडे, दही, पनीर, दूध, नट्स, बीज और भरपूर मात्रा में ताजे फल और सब्जियों से युक्त आहार हमारे हृदय और वाहिका रोग के जोखिम को कम करता है।
प्रसंस्कृत भोजन और मीठे नाश्ते के साथ-साथ वसा की मात्रा को सीमित करने से हमें वजन प्रबंधन और आहार संबंधी बीमारियों से बचने में मदद मिल सकती है।
सप्ताह के अधिकांश दिनों में शारीरिक रूप से सक्रिय रहने से सामान्य स्वास्थ्य में सुधार होता है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।



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