बीएचयू में पीएचडी-प्रवेश की नई नियमावली पर छात्रों का विरोध-जारी: 11 सूत्रीय मांग पत्र कुलगुरू को सौंपा, कहा- जारी रहेगा अनिश्चितकालीन आंदोलन

वाराणसी24 मिनट पहले

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काशी हिंदू विश्वविद्यालय में पीएचडी प्रवेश की नई नियमावली के विरोध में छात्रों का विरोध प्रदर्शन खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। दिन भर छात्रों का विरोध और नारेबाजी परीक्षा नियंत्रक कार्यालय के बाहर चल रहा हैं, तो रात्रि में दो दिनों से छात्र अपने भोजन को कार्यालय के बाहर ही बना और खा रहे हैं।

छात्रों का कहना है कि हमने 11 सूत्री मांगों को विश्वविद्यालय प्रशासन के सामने रखा हैं, जब हमारे मांगों को मानते हुए पीएचडी प्रवेश की नियमावली में सुधार नहीं किया जाता तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।

छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार की शाम विश्वविद्यालय के कुलगुरु से मुलाकात कर पीएचडी नामांकन में अनियमितता की शिकायत की।

छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार की शाम विश्वविद्यालय के कुलगुरु से मुलाकात कर पीएचडी नामांकन में अनियमितता की शिकायत की।

कुलगुरू से छात्रों के प्रतिनिधिमंडल ने की मुलाकात
छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार की शाम विश्वविद्यालय के कुलगुरु से मुलाकात कर पीएचडी नामांकन में अनियमितता की शिकायत की। छात्रों ने अपनी मांगों को लेकर कुलगुरु वीके शुक्ला से शिकायत करते हुए कहा कि पीएचडी नामांकन के लिए नयी नियमावली पूर्णतः त्रुटिपूर्ण है, इससे छात्रों का नुकसान होगा अतः इस बदलाव को हम अस्वीकार करते हैं। छात्रों ने बताया कि कुलगुरु प्रो. शुक्ला ने हमारे शिकायत पर कुलपति से चर्चा करके उचित समाधान की बात कही और धरना खत्म करने का आग्रह किया।‌ छात्रों ने कहा समाधान नही होने तक हम धरना नही खत्म करेंगे।

आइए…..अब जानते हैं 11 सूत्री मांग को लेकर धरने पर बैठे छात्रों ने क्या कहा

पतंजलि पाण्डेय ने कहा कि पीएचडी प्रवेश की नई नियमावली के विरोध में हम सभी छात्र तीन दिनों से धरने पर हैं किन्तु विश्वविद्यालय के नियमावली से सम्बंधित जिम्मेदार पदाधिकारी छुट्टी लेकर गायब हो गए हैं। जो जिम्मेदार है वो उपस्थित नहीं है और जो मौजूद अधिकारी है उनका कहना है कि वे उत्तरदायी नही है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विश्वविद्यालय प्रशासन अलोकतांत्रिक रूप से कार्य कर रहा है।

अभिषेक उपाध्याय ने कहा कि पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया में हुई धांधली के खिलाफ़ हम सभी छात्र लगातार चार दिन से धरने पे हैं हम 11 सूत्रीय मांग को लेकर अडिग हैं जिसमें सभी अभ्यर्थियों की भलाई है। आज विश्वविद्यालय के कुलगुरू को हमने ज्ञापन सौंपा उन्होंने कुलपति से बात करने का आश्वासन दिया। ये धरना तब तक चलेगा जबतक विश्वविद्यालय प्रशासन अपना निर्णय वापस नहीं लेगा।

पीएचडी प्रवेश की नियमावली में सुधार नहीं किया जाता तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।

पीएचडी प्रवेश की नियमावली में सुधार नहीं किया जाता तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।

धरनास्थल पर बैठे छात्र विकास ने बताया कि हमने पीएचडी एडमिशन के लिए जारी नयी त्रुटिपूर्ण प्रक्रिया को अस्वीकार कर अपना विरोध दर्ज कराया है। वही धरने पर बैठे छात्र राजकुमार डायमंड ने कहा कि जो नई नियमावली बनी है वह दलित,आदिवासी छात्रों के हित में नहीं हैं।

इन नियमों पर छात्रों ने जताई नाराजगी

  • डिपार्टमेंट द्वारा सही तरीके से सीट ना निकलना
  • 50 नंबर अकादमिक परफॉर्मेंस का नेट JRF स्कोर का सही फार्मूला नहीं अपनाया जाना
  • आरक्षण रोस्टर सही तरीके से लागू नहीं किया जाना
  • RET में भी JRF को अधिक नंबर दिया जाना
  • सीट के सापेक्ष केवल 4 गुना अभ्यर्थियों को इंटरव्यू कालिंग का विरोध
  • अफ़्लेटेड कॉलेज की सीट्स को नहीं निकाला जाना

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