हाइलाइट्स
बिहार सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक कांड मामले में जांच का दायरा बढ़ा.
शक के दायरे में चयन पर्षद के पूर्व अध्यक्ष एस के सिंघल समेत कई अफसर.
इओयू की छापेमारी के बाद जांच के लिए कोलकाता भी जा सकती है टीम.
पटना. बिहार पुलिस में 21 हजार से अधिक पदों के लिए 2023 में 1अक्टूबर को आयोजित हुई सिपाही भर्ती परीक्षा के पेपर लीक हुआ था. इस मामले में पूर्व डीजीपी रहे केंद्रीय चयन पर्षद सिपाही भर्ती के पूर्व अध्यक्ष एसके सिंघल समेत पर्षद कार्यालय के कई कर्मचारी संदेह के घेरे में है. मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई गुरुवार को सात घंटे तक पर्षद के नए एवं पुराने कार्यालयों में छापेमारी कर कागजातों से लेकर इलेक्ट्रॉनिक गजट को खंगाला. इस दौरान कंप्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल समेत कई उपकरण और दस्तावेज को आर्थिक अपराध इकाई द्वारा जब्त किया गया. जब्ती के बाद अब इनकी जांच की जा रही है.
बताया जा रहा है कि परीक्षा संचालन को लेकर जिस एजेंसी से करार हुआ था, उसके एग्रीमेंट में भी गड़बड़ियों की बात सामने आई है. सूत्रों की मानें तो प्रश्नपत्र की छपाई कोलकाता के जिस प्रिंटिंग प्रेस में की गई थी. पेपर लीक में उसकी भूमिका भी संदेह के दायरे में है. सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी है कि ईओयू की टीम कोलकाता जाकर भी जांच कर सकती है. परीक्षा से पहले पेपर लीक और आंसर-की जारी होने के मामले में राज्य के बाहर के लोगों की भूमिका भी सामने आ रही है. इस बाबत अभ्यर्थियों और अन्य लोगों से पूछताछ में कई क्लू मिले हैं.
कई अफसरों से हुई पूछताछ
बता दें कि जांच टीम ने पर्षद कार्यालय की तलाशी के दौरान ओएसडी समेत कई पदाधिकारियों से गहन पूछताछ की है. उनसे परीक्षा संचालन से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियां लीं गईं. इस दौरान कुछ पदाधिकारियों के सरकारी मोबाइल भी जब्त किये गए हैं, जिनकी जांच की जा रही है. उपकरणों और दस्तावेजों की जांच के आधार पर आगे भी पर्षद के पदाधिकारियों को पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है. सिपाही भर्ती की प्रारंभिक परीक्षा पिछले साल एक अक्टूबर को ली गई थी, मगर कदाचार और अनियमितता की शिकायत मिलने के बाद इसे रद्द कर दिया गया था.
लेन-देने के मिले अहम सबूत!
ईओयू के डीआइजी मानवजीत सिंह ढिल्लन के नेतृत्व में बनी एसआइटी की टीम सिपाही भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले की जांच कर रही है. एसआईटी ने राज्य के अलग-अलग थानों में दर्ज 74 कांडों का अनुसंधान किया है. इसके अलावा आर्थिक अपराध इकाई ने अलग से भी इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की है. इस दौरान कदाचार में शामिल 225 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा चुका है. एसआइटी की जांच में परीक्षा में पेपर लीक और परीक्षा में गड़बड़ी के साथ ही वित्तीय लेन-देन के भी अहम सबूत मिले हैं.
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FIRST PUBLISHED : March 9, 2024, 07:50 IST