बिहार में वंशावली बनाने के नियम में हुआ बदलाव, सरपंच को मिला यह अधिकार

नीरज कुमार/बेगूसराय. अब फिर से बिहार सरकार की नई नियमावली के तहत वंशावली प्रमाण पत्र बनाने का जिम्मा सरपंच को मिल गया है. हालांकि इस बार कुछ बदलाव लिए गए हैं. पंचायती राज विभाग के आदेश के अनुसार नई व्यवस्था के तहत वंशावली निर्गत करने के लिए सक्षम प्राधिकार ग्राम कचहरी के प्रमुख सरपंच इसके लिए आवेदक से ₹10 नगद शुल्क के साथ शपथ पत्र लेने के बाद इसकी तफ़्तीश शुरु करेंगे.

हालांकि आवेदक अगर चाहे तो ऑनलाइन भी वंशावली के लिए आवेदन आरटीपीएस के माध्यम से कर सकते हैं. यहां भी पहली बार में ₹10 ही चार्ज देना होगा. शुल्क नहीं देने की स्थिति में आवेदन को स्वीकार नहीं किया जाएगा. शुल्क की प्राप्ति रसीद को आवेदन के साथ संलग्न किया जाएगा. राशि को पंचायत निधि में जमा किया जाएगा.

पांच गवाह होने पर ही बनेगी वंशावली
बेगूसराय जिले के चेरिया बरियारपुर ग्राम कचहरी के सरपंच महेंद्र राय ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि नए नियम के तहत पहली बार वंशावली बनाने पर ₹10 जबकि दूसरी बार बनाने पर आपकों ₹100 चार्ज देना होगा. वंशावली बनाने के लिए आपको पांच गवाह भी देने होंगे जिसके क आधार कार्ड की फोटो कॉपी आपके आवेदन में संलग्न किया जायेगा.

इसके बाद ग्राम कचहरी के पंच इसकी जांच करेगें. आपकी वंशावली को निर्गत करने के लिए 22 दिनों का समय लिया जा सकता है. नई व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए पंचायती राज विभाग इसकी निगरानी भी कर रहे हैं.

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वंशावली में इन डॉक्यूमेंट की पड़ेगी जरूरत
अब वंशावली के विवरण के साथ आवेदक को शपथ पत्र देना होगा. आवेदक को पंचायत के निवासी से संबंधित प्रमाण पत्र, जमीन के कागजात, बासगीत पर्चा, जमीन नहीं होने की स्थिति में वोटर लिस्ट, जिसमें उसका और उसके परिवार का नाम दर्ज हो, आधार कार्ड, जिसमें आवेदक का पता दर्ज हो आदि कागजात जमा करना होगा.

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