‘बिहार में रोजगार का मतलब नीतीश सरकार’ – पोस्टर के जरिए JDU ने दिया तेजस्वी को जवाब

Patna:

Bihar Politics News: बिहार की नीतीश सरकार ने 12 फरवरी को बजट सत्र के पहले दिन विश्वास मत जीतकर विपक्ष को करारा जवाब दिया और बिहार में अपनी सरकार बनाई. इसके साथ ही बिहार के सीएम नीतीश कुमार के हालिया पलटवार के बाद प्रमुख राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप चरम पर है. इन सबके बीच अब बिहार में जेडीयू और राजद के बीच रोजगार का श्रेय लेने की होड़ मच गई है. बता दें कि हाल ही में पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बिहार के जिलों का दौरा किया था और लोगों के बीच जाकर कहा था कि, ”जो काम नीतीश कुमार ने 17 साल में नहीं किया, वह उन्होंने 17 महीने में कर दिखाया है.” अब जेडीयू ने उनको पोस्टर के जरिए जवाब दिया है और पोस्टर के जरिए रोजगार का श्रेय सीएम नीतीश कुमार को दिया जा रहा है.

बिहार में पोस्टर वॉर शुरू

आपको बता दें कि पटना में जेडीयू दफ्तर के बाहर एक पोस्टर लगा है. इस पोस्टर में नीतीश कुमार की तस्वीर लगाई गई है और पोस्टर में लिखा गया है कि, ”रोजगार मतलब नीतीश कुमार”. बता दें कि जिलों के दौरे के बाद पिछले रविवार को पटना के गांधी मैदान में ‘जन विश्वास महारैली’ का आयोजन किया गया था, इस दौरान भी तेजस्वी यादव ने रोजगार को लेकर नीतीश कुमार को आड़े हाथों लिया था. अपने संबोधन के दौरान तेजस्वी यादव ने कहा था कि, ”17 महीने बिहार में महागठबंधन सरकार थी. बतौर डिप्टी सीएम उन्होंने जितना रोजगार 17 महीने में दिया उतना नीतीश ने बतौर सीएम 17 साल में नहीं दिया.” वहीं रविवार को तेजस्वी की रैली में बार-बार नारा लग रहा था कि, ”रोजगार मतलब तेजस्वी यादव, नौकरी मैन ऑफ इंडिया तेजस्वी यादव.” अब पोस्टर के जरिए जेडीयू ने भी तेजस्वी यादव पर पलटवार कर दिया है.

दो महीने में सवा इतने शिक्षकों की हुई बहाली

आपको बता दें कि महागठबंधन सरकार में दो महीने में सवा दो लाख शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी, जहां चार लाख नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा देने का भी निर्णय हुआ था. बता दें कि इसमें परीक्षा पास करनी थी और विभिन्न विभागों में नियुक्तियां भी होनी थीं, जबकि तेजस्वी यादव शुरू से ही इसका श्रेय लेते रहे हैं. वहीं नीतीश कुमार जब महागठबंधन सरकार से अलग हुए थे तो उन्होंने कहा था कि, ”सारी नौकरी सात निश्चय योजना पार्ट टू के तहत दी जा रही है. तेजस्वी उनके काम का क्रेडिट ले रहे हैं.” बता दें कि रविवार को तेजस्वी यादव ने फिर से रोजगार का मुद्दा उठाया था, इसलिए इस बार तेजस्वी को पोस्टर के जरिए जवाब दिया गया है.

बहरहाल, बिहार में बढ़ती राजनीतिक बयानबाजी को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि जैसे-जैसे चुनाव की तारीखें करीब आएंगी, बयानबाजी का स्तर भी बढ़ता जाएगा. हालांकि, इन सबके बीच अब बिहार में किसकी सरकार बनती है, 2024 में बिहार की जनता किसे अपना वोट देगी, यह तो आने वाले समय में ही पता चलेगा.

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