बिहार में युवती के साथ हो गया कांड, पीछे पड़ गया यह विभाग, फिर शुरू हुई इस थाने से उस थाने की दौड़

हाइलाइट्स

मुजफ्फरपुर की युवती के साथ कांड होने पर भी पुलिस की सुनवाई नहीं.
घटना के एक महीने बाद भी मुजफ्परपुर पुलिस दर्ज नहीं कर रही FIR.

प्रियांक सौरभ/मुजफ्फरपुर. बिहार के मुजफ्फरपुर में एक युवती के साथ बड़ा कांड हो गया और वह परेशान हाल में पुलिस के पास पहुंची तो उसकी मदद करने के बजाय उसे किसी और थाने भेज दिया गया. पुलिस परेशान हाल में इधर-उधर घूमती रही, पुलिस के पास गुहार लगाती रही, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. हैरान-परेशान युवती इस थाने से उस थाने और फिर अधिकारियों के पास दौड़ लगाती रही, लेकिन उसकी समस्या का निदान नहीं हुआ.

जाहिर है पुलिस के रवैये को लेकर सवाल खड़े होते हैं, क्योंकि परेशान युवती थक हारकर वरीय अधिकारी तक भी पहुंच गई, लेकिन उसकी सुनवाई वहां भी नहीं हो पाई थी. हालांकि, युवती को अब भी विश्वास है कि पुलिस उसकी सहायता जरूर करेगी और उसे इस परेशानी से निकलने में मदद पहुंचाएगी. लेकिन, पहले जानते हैं कि यह पूरा मामला क्या है?

दरअसल, मुजफ्फरपुर जिले में एक युवती के बैंक खाते से साइबर अपराधी ने हजारों रूपए उड़ा लिए, लेकिन पुलिस की बेरुखी से वह परेशान है. घटना के एक महीने के बाद भी पुलिस ने अपराधियों को पकड़ने के बजाए अब तक एफआईआर तक करना भी जरूरी नहीं समझा. वहीं बैंक कर्मी युवती को पैसे जमा करने के लिए लगातार परेशान कर रहा है.

बकौल युवती, मुजफ्फरपुर काजी मोहम्मदपुर थाना क्षेत्र के रहने वाली नेहा को 8 जनवरी को एक फोन आया. उसे कहा गया कि वह बैंककर्मी है और उसके क्रेडिट कार्ड का बिल जायदा आया है. इसे ठीक करने के लिए उसे बैंक से जुड़ा एक एप्लीकेशन डाउनलोड करने के लिए बोला गया. नेहा के द्वारा जैसे ही एप्लीकेशन डाउनलोड किया गया वैसे ही उसके फोन का क्लोन साइबर फ्रॉड ने कर लिया.

युवती को किसी फ्रॉड की आशंका होने पर उसने साइबर फ्रॉड से कुछ सवाल भी किया पर साइबर फ्रॉड ने उससे कहा कि क्या आपसे कोई ओटीपी लिया गया है, अगर नहीं लिया गया है तो आप कैसे कह सकती हैं कि आपके साथ फ्रॉड हो रहा है. थोड़ी देर के बाद उसके खाते से साइबर फ्रॉड ने 49500 की निकासी कर ली. युवती परेशान हो गई और सीधे पुलिस थाने पहुंच गई.

युवती ने पूरे मामले को लेकर स्थानीय थाना में आवेदन देने पहुंची तो स्थानीय थाना ने उसे साइबर फ्रॉड का मामला बताते हुए साइबर थाना में मामले को दर्ज के लिए भेज दिया. साइबर थाने में उसके मामले की शिकायत दर्ज नहीं हुई. इसके बाद युवती अपने परिजन के साथ वरीय अधिकारी से मामले की शिकायत दर्ज करवाने पहुंची, लेकिन वहां भी बात नहीं बनी.

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